एक प्रयोग:
परिधिहीन है प्यार
संजीव
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परिधिहीन है प्यार हमारा
चक्रव्यूह है चाह हमारी
चक्रव्यूह है चाह हमारी
सीधी रेखा मेहनत का पथ
वर्तुल-विषमय डाह बिचारी
वक्र लकीरें करतल अंकित
त्रिभुज चतुर्भुज वक्र चाप भी
व्यास-आस है लक्ष्य बिंदु सा
कर्ण-वृत्त वरदान, शाप भी
अंक अंक में गुणित वर्ग घन
धन ऋण ऋण का हुआ गुणनफल
धन धन मिल ऋण कभी न होता
गुणा-भाग विपरीत चलन चल
भिन्न विभिन्न अभिन्न बूझना
सरल नहीं है, कठिन न मानो
प्रतिषत समय काम दूरी से
सजग रहो अति निकट न जानो
चलनकलन के समीकरण भी
खेल रहे हैं आँख मिचौली
बनते-मिटते रहे समुच्चय
हेरें चुप अमराई-निम्बोली
अंक बीज रेखाओं की तिथि
हर कपाल पर होती अंकित
भाग्यविधाता पग-पग पग रख
मंजिल करता पथ पर टंकित
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Sanjiv verma 'Salil'
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