होली खेलें सिया की सखियाँ,
जनकपुर में छायो उल्लास....
जनकपुर में छायो उल्लास....
रजत कलश में रंग घुले हैं, मलें अबीर सहास.
होली खेलें सिया की सखियाँ...
होली खेलें सिया की सखियाँ...
रंगें चीर रघुनाथ लला का, करें हास-परिहास.
होली खेलें सिया की सखियाँ...
होली खेलें सिया की सखियाँ...
एक कहे: 'पकडो, मुंह रंग दो, निकरे जी की हुलास.'
होली खेलें सिया की सखियाँ...
होली खेलें सिया की सखियाँ...
दूजी कहे: 'कोऊ रंग चढ़े ना, श्याम रंग है खास.'
होली खेलें सिया की सखियाँ...
होली खेलें सिया की सखियाँ...
सिया कहें: ' रंग अटल प्रीत का, कोऊ न अइयो पास.'
होली खेलें सिया की सखियाँ...
होली खेलें सिया की सखियाँ...
सियाजी, श्यामल हैं प्रभु, कमल-भ्रमर आभास.
होली खेलें सिया की सखियाँ...
होली खेलें सिया की सखियाँ...
'शान्ति' निरख छवि, बलि-बलि जाए, अमिट दरस की प्यास.
होली खेलें सिया की सखियाँ...
होली खेलें सिया की सखियाँ...
***********
होली खेलें चारों भाई
होली खेलें चारों भाई, अवधपुरी के महलों में...
अंगना में कई हौज बनवाये, भांति-भांति के रंग घुलाये.
पिचकारी भर धूम मचाएं, अवधपुरी के महलों में...
पिचकारी भर धूम मचाएं, अवधपुरी के महलों में...
राम-लखन पिचकारी चलायें, भारत-शत्रुघ्न अबीर लगायें.
लखें दशरथ होएं निहाल, अवधपुरी के महलों में...
लखें दशरथ होएं निहाल, अवधपुरी के महलों में...
सिया-श्रुतकीर्ति रंग में नहाई, उर्मिला-मांडवी चीन्ही न जाई.
हुए लाल-गुलाबी बाल, अवधपुरी के महलों में...
हुए लाल-गुलाबी बाल, अवधपुरी के महलों में...
कौशल्या कैकेई सुमित्रा, तीनों माता लेंय बलेंयाँ.
पुरजन गायें मंगल फाग, अवधपुरी के महलों में...
पुरजन गायें मंगल फाग, अवधपुरी के महलों में...
मंत्री सुमंत्र भेंटते होली, नृप दशरथ से करें ठिठोली.
बूढे भी लगते जवान, अवधपुरी के महलों में...
बूढे भी लगते जवान, अवधपुरी के महलों में...
दास लाये गुझिया-ठंडाई, हिल-मिल सबने मौज मनाई.
ढोल बजे फागें भी गाईं,अवधपुरी के महलों में...
ढोल बजे फागें भी गाईं,अवधपुरी के महलों में...
दस दिश में सुख-आनंद छाया, हर मन फागुन में बौराया.
'शान्ति' संग त्यौहार मनाया, अवधपुरी के महलों में...
'शान्ति' संग त्यौहार मनाया, अवधपुरी के महलों में...
***********
साभार : संजीव 'सलिल', दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम
साभार : संजीव 'सलिल', दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम