कुल पेज दृश्य

shikshak divas लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
shikshak divas लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 24 अगस्त 2016

shikshak divas

दोहा सलिला:
शिक्षक पारसमणि सदृश...

संजीव 'सलिल
*
शिक्षक पारसमणि सदृश, करे लौह को स्वर्ण.
दूर करे अज्ञानता, उगा बीज से पर्ण..



सत-शिव-सुंदर साध्य है, साधन शिक्षा-ज्ञान.
सत-चित-आनंद दे हमें, शिक्षक गुण-रस-खान..



शिक्षक शिक्षा दे सदा, सकता शिष्य निखार.
कंकर को शंकर बना, जीवन सके सँवार..



शिक्षक वह जो सिखा दे, भाषा गुण विज्ञान.
नेह निनादित नर्मदा, बहे बना गुणवान..



प्रतिभा को पहचानकर, जो दिखलाता राह.
शिक्षक उसको जानिए, जिसमें धैर्य अथाह..



जान-समझ जो विषय को, रखे पूर्ण अधिकार.
उस शिक्षक का प्राप्य है, शत शिष्यों का प्यार..



शिक्षक हो संदीपनी, शिष्य सुदामा-श्याम.
बना सकें जो धरा को, तीरथ वसुधा धाम..

इनलाइन चित्र 1

विश्वामित्र-वशिष्ठ हों, शिक्षक ज्ञान-निधान.
राम-लखन से शिष्य हों, तब ही महिमावान..



द्रोण न हों शिक्षक कभी, ले शिक्षा का दाम.
एकलव्य से शिष्य से, माँग अँगूठा वाम..



शिक्षक दुर्वासा न हो, पल-पल दे अभिशाप.
असफल हो यदि शिष्य तो, गुरु को लगता पाप..



राधाकृष्णन को कभी, भुला न सकते छात्र.
जानकार थे विश्व में, वे दर्शन के मात्र..



महीयसी शिक्षक मिलीं, शिष्याओं का भाग्य.
करें जन्म भर याद वे, जिन्हें मिला सौभाग्य..



शिक्षक मिले रवीन्द्र सम, शिष्य शिवानी नाम.
मणि-कांचन संयोग को, करिए विनत प्रणाम..



ओशो सा शिक्षक मिले, बने सरल-हर गूढ़.
विद्वानों को मात दे, शिष्य रहा हो मूढ़..



हो कलाम शिक्षक- 'सलिल', झट बन जा तू छात्र.
गत-आगत का सेतु सा, ज्ञान मिले बन पात्र..



ज्यों गुलाब के पुष्प में, रूप गंध गुलकंद.
त्यों शिक्षक में समाहित, ज्ञान-भाव-आनंद..
========================
​​


शुक्रवार, 5 सितंबर 2014

doha salila: sanjiv

दोहा सलिला :
संजीव 
*
सद्गुरु उसको मानिये, नित्य बताये खोट  
देख अदेखा मत करे, तुरत लगाये चोट 
*
गुरु वह जो हँस ज्ञान दे, प्रीचर करता प्रीच 
शिक्षक देता सीख ही, टीचर धन ले टीच 
*
गुरु की करी तलाश तो, पाये गुरु घंटाल
दी उपाधि लेकिन समझ, मिली न सालों-साल
*
टीचर जी बाजार में, मिलें टके के तीन  
दो कौड़ी पा दें बजा, भैंस सामने बीन 
*
छुरी बगल में ले- रखें, प्रीचर मुँह में राम
श्रेष्ठ बता निष्काम को, मन में जपते राम 
*
माँ पहली गुरु दे पढ़ा, जीवन का यदि पाठ 
पैर जमा सुत चल सके, खड़ी न होती खाट 
*
श्रद्धा बिन सम्मान दें, बिना स्नेह आशीष 
 छलनामय शिक्षक दिवस, गुरु पीटें निज शीश 

बुधवार, 5 सितंबर 2012

दोहा सलिला: शिक्षक पारसमणि सदृश... संजीव 'सलिल

दोहा सलिला:
शिक्षक पारसमणि सदृश...



संजीव 'सलिल
*
शिक्षक पारसमणि सदृश, करे लौह को स्वर्ण.
दूर करे अज्ञानता, उगा बीज से पर्ण..



सत-शिव-सुंदर साध्य है, साधन शिक्षा-ज्ञान.
सत-चित-आनंद दे हमें, शिक्षक गुण-रस-खान..



शिक्षक शिक्षा दे सदा, पाये शिष्य निखार.
कंकर को शंकर बना, जीवन सके संवार..



शिक्षक वह जो सिखा दे, भाषा गुण विज्ञान.
नेह निनादित नर्मदा, बहे बना गुणवान..



प्रतिभा को पहचानकर, जो दिखलाता राह.
शिक्षक उसको जानिए, जिसमें धैर्य अथाह..



जान-समझ जो विषय को, रखे पूर्ण अधिकार.
उस शिक्षक का प्राप्य है, शत शिष्यों का प्यार..



शिक्षक हो संदीपनी, शिष्य सुदामा-श्याम.
बना सकें जो धरा को, तीरथ वसुधा धाम..



विश्वामित्र-वशिष्ठ हों, शिक्षक ज्ञान-निधान.
राम-लखन से शिष्य हों, तब ही महिमावान..



द्रोण न हों शिक्षक कभी, ले शिक्षा का दाम.
एकलव्य से शिष्य से, माँग अँगूठा वाम..



शिक्षक दुर्वासा न हो, पल-पल दे अभिशाप.
असफल हो यदि शिष्य तो, गुरु को लगता पाप..



राधाकृष्णन को कभी, भुला न सकते छात्र.
जानकार थे विश्व में, वे दर्शन के मात्र..



महीयसी शिक्षक मिलीं, शिष्याओं का भाग्य.
करें जन्म भर याद वे, जिन्हें मिला सौभाग्य..



शिक्षक मिले रवीन्द्र सम, शिष्य शिवानी नाम.
मणि-कांचन संयोग को, करिए विनत प्रणाम..



ओशो सा शिक्षक मिले, बने सरल-हर गूढ़.
विद्वानों को मात दे, शिष्य रहा हो मूढ़..



हो कलाम शिक्षक- 'सलिल', झट बन जा तू छात्र.
गत-आगत का सेतु सा, ज्ञान मिले बन पात्र..



ज्यों गुलाब के पुष्प में, रूप गंध गुलकंद.
त्यों शिक्षक में समाहित, ज्ञान-भाव-आनंद..



Acharya Sanjiv verma 'Salil'

http://divyanarmada.blogspot.com
http://hindihindi.in



सामयिक आलेख: 'शिक्षक दिवस' -शेषधर तिवारी

सामयिक आलेख:

'शिक्षक दिवस'

-शेषधर तिवारी  



why we celebrate teachers day
गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागूं पांय?
बलिहारी गुरु आपनी, गोविन्द दियो बताय।। 
 
     कबीर ने 14वीं सदी में ही गुरु यानी शिक्षक की महत्ता का जिक्र कर दिया था। रामायण और महाभारत की कथाओं में भी गुरु-महिमा का बखान है। भारतीय जीवन में शिक्षक का महत्व असाधारण है। आज भी अपने शिक्षकों के प्रति आदर व्यक्त करने के लिये दुनिया के बहुत सारे देश एक खास दिन को 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाते  हैं।

इस उत्सव का मतलब शिक्षकों को सम्मान देना और समाज-निर्माण में उनके योगदान को स्वीकार करना है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर 'शिक्षक दिवस' मनाया जाता है लेकिन सब जगह इसका मकसद गुरुओं को अहमियत देना ही है। 
 
भारत में यूं हुई 'शिक्षक दिवस' की शुरूआत
 
origin of teachers day in india
भारत में 'शिक्षक दिवस' 5 सितंबर को आयोजित किया जाता है। यह आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णनन का जन्मदिन है। डॉ. राधाकृष्‍णनन दर्शनशास्त्र के विश्व-विख्यात प्राध्यापक व व्याख्याता थे। उपराष्ट्रपति बनने के बाद इस शिक्षाविद ने जब राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाली तो उनके कुछ पूर्व विद्यार्थी 5 सितंबर को जन्मदिन बधाई देने पहुंचे। तब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णनन ने कहा कि यह दिन 'शिक्षक दिवस' के रूप में आयोजित किया जाए।
इस दिन विद्यार्थी  अपने शिक्षक  को उपहार या फूल आदि भेंटकर उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। कुछ विद्यालयों में विद्यार्थी अपने मन पसंद टीचर के रूप में अनुकरण करते हैं जिसका मकसद शिक्षक का आभार व्यक्त करना ही है। भारत सरकार द्वारा इस दिन शिक्षकों को  राष्ट्रीय पुरस्‍कारों से सम्मानित भी किया जाता है।
 
'अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस'

importance international teachers day
5 अक्तूबर 1994 से अंतर्राष्ट्रीय 'शिक्षक दिवस' की शुरूआत हुई। इसका मकसद जहां एक ओर शिक्षकोंके लिए समर्थन जुटाना है, वहीं यह सुनिश्चित करना भी था कि भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को शिक्षक पूरा करें।

यूनेस्‍को के अनुसार, 'अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस' जागरूकता, आपसी समझ, ‌शिक्षा और विकास के क्षेत्र में शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित करता है। यूनेस्को की तर्ज पर अधिकांश देशों में 'अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 'शिक्षक दिवस' के आयोजन के दौरान शिक्षकों को पुष्प तथा उपहार ‌भेंट किये जाते हैं। इसी के साथ ही टीचर्स की भूमिका को भी रेखांकित किया जाता है।
 
शिक्षक दिवस: कहाँ-कब?...

different days one aim
दुनिया भर में अलग अलग दिनों पर लोग शिक्षक दिवस का आयोजन करते हैं। नेपाल में आषाढ़ के महीने की पूर्णिमा को 'शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। आम तौर पर पूरा चांद यहां जुलाई-मध्य में निकलता है। बच्चे इस दिन अपने शिक्षक के घर फूल, नैवेद्य (व्यंजन / मिठाई), उपहार आदि लेकर जाते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं।

रूस में शिक्षक दिवस अक्तूबर के पहले रविवार  को मनाया जाता था लेकिन यूनेस्को द्वारा 5 अक्तूबर 1994 को 'अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस' घोषित करने के बाद रूस में 'शिक्षक दिवस' 5 अक्तूबर को मनाया जाने लगा। वहीं ताइवान में 28 सितंबर को 'शिक्षक दिवस' सेलिब्रेट किया जाता है।

जहां तक चीन की बात है, यहां महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस के जन्मदिन पर यानी 27 अगस्त को 'शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। वियतनाम में 20 नवंबर को 'शिक्षक दिवस' को सेलिब्रेट करते है। यहां शिक्षक अपने विद्यार्थियों के साथ वनभोज (पिकनिक) पर जाते हैं। देश भले ही कोई भी हो लेकिन 'शिक्षक दिवस' मनाने का प्रयोजन एक ही है, उस व्यक्ति का आभार जिसने आपको ज्ञान देकर किसी लायक बनाया।
**********