कुल पेज दृश्य

satyasahay लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
satyasahay लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 12 दिसंबर 2010

प्रो. सत्यसहाय के प्रति : स्मृति गीत: मन न मानता... संजीव 'सलिल'

प्रो. सत्यसहाय के प्रति श्रृद्धांजलि :
 स्मृति गीत:
मन न मानता...
संजीव 'सलिल'
*
मन न मानता
चले गये हो...
*
अभी-अभी तो यहीं कहीं थे.
आँख खुली तो कहीं नहीं थे..
अंतर्मन कहता है खुदसे-
साँस-आस से
छले गये हो...
*
नेह-नर्मदा की धारा थे.
श्रम-संयम का जयकारा थे..
भावी पीढ़ी के नयनों में-
स्वप्न सदृश तुम
पले गये हो...
*
दुर्बल तन में स्वस्थ-सुदृढ़ मन.
तुम दृढ़ संकल्पों के गुंजन..
जीवन उपवन में भ्रमरों संग-
सूर्य अस्त लाख़
ढले गये हो...
*****