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बुधवार, 16 दिसंबर 2020

हाइकु

एक हाइकु-
बहा पसीना
चमक उठी देह
जैसे नगीना।
*
त्वरित कविता
*
दागी है कुलदीप, बुझा दो श्रीराधे
आगी झट से उसे लगा दो श्रीराधे
रक्षा करिए कलियों की माँ काँटों से
माँगी मन्नत शांति दिला दो श्रीराधे
*
संजीव
९४२५१८३२४४
१६-१२-२०१९

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