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शनिवार, 28 अक्टूबर 2017

matiman chhand

हिंदी के नए छंद १७
मतिमान छंद 
*
विधान:
१. प्रति पंक्ति मात्रा २१
२. पदादि गुरु
३.पदांत लघु गुरु लघ गुरु
४. यति ११-१०
*
लक्षण छंद:
ग्यारह-दस यति रखें सदा मतिमान जी
हो पदादि गुरु, रहे- पदांत जगांत रगांत जी
'जो बोया वह काट', सत्य मत भूलना
स्वप्न करो साकार, तभी सुख-झूलना
*
उदाहरण:
कौन किसी का सदा, सोच अनुमान रे!
खोज न बाहर, आप- बनो प्रतिमान रे!!
हो अनदेखी अगर, राह मत छोड़ना।
मंजिल पाए बिना, पाँव मत मोड़ना।। 
***
salil.sanjiv@gmail.com, ९४२५१८३२४४
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