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सोमवार, 25 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : १५ 'अग' से प्रारंभ शब्द : २. --संजीव 'सलिल'

हिंदी शब्द सलिला : १५        संजीव 'सलिल'

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संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदास-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, सूर.-सूरदास, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.     

'अग' से प्रारंभ शब्द : २.

संजीव 'सलिल'
*
अगदित - वि. सं. अकथित, जो कहा न गया हो.
अगन - स्त्री. अग्नि, आग, जलन, तपन. पु. दुष्टगण पिंगल. वि. अगण्य, बेशुमार उ.
अगनत / अगनित - वि. देखें अगणित.
अगनिउ - पु. अग्निकोण, आग्नेय, दक्षिण-पूर्व का कोना.
अगनी - स्त्री. घोड़े के सिर पर की भौंरी, अग्नि. वि अगनित.
अगनू - स्त्री. आग्नेय कोण, अग्नि कोण.
अगनेउ / अग्नेत - पु. अग्नि कोण.
अगम-वि. सं. न चलनेवाला, अगंता, सुदृढ़ -लंका बसत दैत्य अरु दानव, उनके अगम सरीरा. सूर., पु. वृक्ष, पहाड़. वि. देखें अगम्य. पु. देखें आगम.
अगमन-पु. सं. गमन का अभाव, न जाना. अ. आगे से पहले.
अगमनीया-वि. स्त्री. सं. देखें अगम्या.
अगमानी-पु. अगुआ, नायक, नेता. स्त्री. अगवानी.
अगमासी-स्त्री. देखें अगवाँसी.
अगम्य-वि. सं. दुर्गम, पहुँच के बाहर, अप्राप्य, अयुक्त, मन-बुद्धि के परे, कठिन, अपार, अथाह, जिससे सहवास न किया जा सके,-गा- स्त्री. अपात्र पुरुष से सम्बन्ध रखनेवाली स्त्री.-रूप- वि. जिसका रूप / स्वभाव समझ न आये. -वाक्- जिसकी वाणी /  बात समझ में न आये.
अगम्या-वि. स्त्री. सं. गमन न करनेयोग्य स्त्री, स्त्री जिसके संग सहवास / संभोग वर्जित हो, अन्त्यजा.-गमन- पु. अगम्या स्त्री से सहवास करना, एक महापातक. -गमनीय-वि. अवैध सम्बन्ध विषयक. -गामी / मिन- वि. अगम्यागमन करनेवाला.
अगर-पु. एक वृक्ष जिसकी लकड़ी में सुगंध होती है और जिसे धूप दशांग में डाला जाता है, उद. -बत्ती-  स्त्री. अगरकी बत्ती.-सार- अगरु नामक वृक्ष.  
अगर-पु. आगार, घर, आवास. -जे संसार-अंधियार अगरमें भये मगनबर- काव्यांगकौमुदी.
अगर-अ. फा. यदि, मगर, जो, किन्तु, परन्तु. -चे- अ. यद्यपि. मुहा.-मगर करना - तर्क करना, सोच-विचार करना, आगा-पीछा करना, टाल-मटोल करना.
अगरई-वि. कालापन लिये हुए सुनहरे रंग का.
अगरना-अक्रि. आगे जाना, बढ़ना.
अगरपार-पु. क्षत्रियों का एक भेद.
अगर-बगर-अ. देखें अगल-बगल.
अगरवाला/अगरवाल-पु. वैश्यों की एक जाति, अग्रवाल.
अगराई-स्त्री. स्त्री. अग्रता, श्रेष्ठता,-गिरा अगराई गुनगरिमा-गगन कौं-घन.
अगराना-सक्रि.मन बढ़ाना, लाड़-प्यार के कारण धृष्ट बनाना, अक्रि. प्यार आदि के कारण धृष्टतापूर्ण व्यवहार करना.
अगरी-स्त्री. देखें अगड़ी, फूस की छाजन का एक तरीका, बुरी बात, धृष्टता सं., एक विषनाशक द्रव्य, देवताड़ वृक्ष.
अगरु-पु. सं. अगर का पेड़ / लकड़ी.
अगरे-अ. सामने, आगे.
अगरो-वि. अगला, श्रेष्ठ, अधिक, निपुण.
अगर्व-वि. सं. गर्व / अभिमान से रहित, निरभिमान.
अगर्हित-वि. सं. जो बुरा न हो, अनिंद्य.
अगल-बगल-अ. इधर-उधर, आस-पास, निकट, समीप.
अगला-वि. आगे / सामने का, गत / बीते समय का, पुराना, जानेवाला, बादका. पु. अगुआ, चतुर, चालाक, पूर्वज, कर्णफूल में आगे लगी हुई जंजीर, गाँव और उसकी सीमा के बीच पड़नेवाले खेत.
अगवना-सक्रि. सहना, अंगेजना. अक्रि. आगे बढ़ना, अग्रसर होना.
अगवाँसी-स्त्री. हलकी वह लकड़ी जिसमें फाल लगता है.    
अगवाई-स्त्री. अगवानी. पु. अगुआ.
अगवाड़ा-पु. घर के आगे का भाग / भूमि, पिछवाड़ा का उल्टा.
अगवान-पु.अगवानी करनेवाला, अगवानी.
अगवानी- स्त्री. आगे बढ़कर मिलना/स्वागत करना, बारात के स्वागतार्थ कन्यापक्ष के बड़ों का आगे जाना. पु. अगुआ.
अगवार-खलिहान में पुरोहित / फकीर आदि को देने के लिये अलग किया जानेवाला अन्न, ओसाते उड़ावनी करते समय भूसे के साथ उड़नेवाला हल्का अन्न, गाँव का चर्मकार, देखें अगवाड़ा.
अगसर-अ. आगे, -'अगसरखेती, अगसरभार, घाघ कहैं, ये कबहूँ न हार'- अमरबेल-वृन्दावन लाल वर्मा..
अगसार / अग्सरी-अ. आगे.
अगस्त-पु. ईसवी साल का आठवाँ माह, एक ऋषि / वृक्ष देखें अगस्त्य.
अगस्ति-पु. सं. एक प्राचीन ऋषि जिन्होंने एक चुल्लू में भरकर समुद्र को पी लिया था, एक तारा, एक पेड़.
अगस्त्य-पु. सं. देखें अगस्ति, शिव.-कूट- दक्षिण भारत स्थित एक पर्वत जिससे ताम्रपर्णी नदी निकली है.-गीता- स्त्री.शांतिपर्व महाभारत में कथित एक गीता.-चार /मार्ग-पु. अगस्त नामक तरे का मार्ग.-तीर्थ-पु. दक्षिण भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ.-वट-पु. हिमालय पर स्थित एक पवित्र तीर्थ.-संहिता-स्त्री. अगस्त्य मुनि-रचित एक धर्मग्रन्थ.
अगस्त्योदय-पु. सं. अगस्त्य का उदय (भाद्रपद शुक्लपक्ष).
अगह-वि. अग्राह्य, पकड़ में न आने लायक, चंचल, ग्रहण न करने योग्य, दुस्साध्य, वर्णन /चिंतन के बाहर.
अगहन-पु. भारतीय वर्ष का नौवाँ माह, अग्रहायण / मार्गशीर्ष माह.
अगहनिया-वि. अगहन में होनेवाला, धान.
अगहनी-वि. अगहन में तैयार होनेवाला. स्त्री. अगहन में तैयार होनेवाली फसल. 
अगहर-आगे/पहले.                                                                                                                                                     क्रमशः