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मंगलवार, 22 नवंबर 2016

जन्म दिन पर अनंत शुभ कामनाएँ 
आदरणीया लावण्य शर्मा शाह को 
*
उमर बढ़े बढ़ते रहे ओज, रूप, लावण्य 
हर दिन दिनकर दे नए सपने चिर तारुण्य 
सपने चिर तारुण्य विरासत चिरजीवी हो
पा नरेंद्र-आशीष अमर मन मसिजीवी हो
नमन 'सलिल' का स्वीकारें पा करती-यश अमर
चिरतरुणी हों आप असर दिखाए ना उमर
***

shubhkamna

जन्म दिन पर अनंत शुभ कामनाएं 
अप्रतिम तेवरीकार अभियंता दर्शन कुलश्रेष्ठ 'बेजार' को 
*
दर्शन हों बेज़ार के, कब मन है बेजार 
दो हजार के नोट पर, छापे यदि सरकार 
छापे यदि सरकार, देखिएगा तब तेवर
कवि धारेगे नोट मानकर स्वर्णिम जेवर
सुने तेवरी जो उसको ही नोट मिलेगा
और कहे जो वह कतार से 'सलिल' बचेगा
***

गुरुवार, 7 जुलाई 2016

विवाह शुभकामना

'तन्वी-अनुगम' परिणय पर्व पर शुभाशीष

आत्मजा कल्पना-प्रमोद भट्ट आत्मज आभा-प्रभाकर गोस्वामी
*

श्री गणेश-कुलदेवता, मंगल करिये आज
संग द्वारकाधीश आ, पूर्ण कीजिये काज
*
गुंजित 'मानस भवन' में, मधुर गीत-संगीत 
संस्कार-संबंध शुभ, हर मन पलती प्रीत
*
शाम 'श्यामला हिल्स' पर, प्रीति-भोज लख मुग्ध
'अभिजीत' पल में हो गयी, हर भव-बाधा दग्ध
*
'तन्वी' से भुज-हार ले,'अनुगम' दे गल-हार 
'रत्नाक'र की 'प्रभा' लख, दिल बैठे दिल हार 
*
'बल्लभ रसिक' पधारकर, नेह 'निर्मला' गंग 
बहा रहे पल-पल मुदित, प्रवहित प्रेम-तरंग 
*
'सुमन-नागभूषण' विहँस, दें आशीष बिखेर 
पा 'प्रमोद' को 'प्रभाकर', गले मिलें बिन देर 
*
'आभा' को भर बाँह में, हुई 'कल्पना' मौन 
जीवन-निधि सौंपी पुलक, सुख-दुःख जाने कौन?
*
'पूजा' कर 'श्रीनाथ' की, 'अतुल' 'सुयश' पा धन्य
'किरण' 'अनुपमा' 'पूर्णिमा', 'चित्रा' मुदित अनन्य
*
'स्तुति' 'सार्थक' 'अमृत'मयी, 'रचना' करें 'बृजेश'
'शुभ्रा'-'आकांक्षा' करें, पूरी श्री मथुरेश
*
कण-कण 'कृष्ण अनंत' लख, 'संजय' 'अंशुल' संग 
'पीहू' 'पूर्वा' को लिए, नाचें दुनिया दंग 
*
'गौतम' 'आरोही' मगन, 'गौरव' अनुपम देख
पुलक 'अनुष्का' डालती, द्वार अल्पना-रेख 
*
बुध-जन का आशीश ही. हो निश्चय ताम्बूल
सगा सगाई बना दे, दे अद्वैत के फूल 
*
सत्यम् स्वागत, 'शिवम्' है, पाणिग्रहण संबंध 
विदा सुंदरम् रॉयली, प्रिय अटूट अनुबंध 
*
शहनाई की गूँज में, हो तन-मन से एक 
'तन्वी-अनुगम' सुखी हों, कार्य करें मिल नेक 
*
'सलिल'-'साधना' स्नेह की, कर होना 'संजीव'
नेह-नर्मदा में खिलें, मुकुलित मन-राजीव 


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शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

shubh kamna




शुभ कामना:
श्रीमती संगीता पुरी के जन्म दिन पर-
संगीता के स्वर सकें, दे ज्योतिष को अर्थ
पढ़ें समझ पायें सभी, छोड़ धरना व्यर्थ
विद्या सागर हो मनुज, खोज सके कुछ रत्न
अमित ऊर्जा पा करो, 'सलिल' निरंतर यत्न   

मंगलवार, 11 जून 2013

shubh kamna : ऋचा-अनुज परिणय, मंगलवार ११ जून २०१३


श्री गणेशाय नमः
ऋचा-अनुज परिणय, मंगलवार ११ जून २०१३
*
रिद्धि-सिद्धि माँ हों सदय, हों प्रसन्न गणनाथ
ऋचा सुनाएँ 'ऋचा' सुन, रख दें सर पर हाथ
*
रीति सनातन-पुरातन, प्रकृति-पुरुष हों संग
मिटा दूरियाँ मन मिला, दें जीवन को रंग
*
नेह नर्मदा में नहा, 'अनुज' पधारे द्वार
अंजु-वंदना पुलककर, करें अतिथि मनुहार
*
विजय-अनिल भुज भेंटकर, जोड़ रहे सम्बन्ध
जबलपूर-भोपाल हँस, करें नवल अनुबंध
*
हुलस कन्हैया, पुलक दें- रविशंकर आशीष
कहें सुशीला त्रिवेणी, भला करें जगदीश
*
माया है गोविन्द की, गूंजे वैदिक मन्त्र
प्रेमनगर-गुप्तेश्वर, रचें प्रणय का तंत्र
*
आशा-आकांक्षा हुई, पूर्ण- मिली मृदु छाँव
ऋचा राजराजेश्वरी, चली पिया के गाँव
*
सजा कल्पना अल्पना, करे हथेली लाल
मेंहदी रचना सुर्ख तू, करतल हो करताल
*
अनिल अनल भू नभ 'सलिल', पंचतत्वमय देह
द्वैत मिटा अद्वैत वर, हों मन-प्राण विदेह
*
दीपक-रश्मि हरे तिमिर, श्रृद्धा करे निशांत
प्रांजल पूजा सुहानी, हों प्रसन्न दिग्कांत
*
ओशी शुभि नित्य विहँस, गायें बन्नी गीत
ऋतु समृद्धि उपहार ले, मुदित बढ़ाए प्रीत
*
खुश अनिकेत अरुण वरुण, नभ नीलाभ विभोर
आनंदित अनिमेष मन, खुशयां रहा अंजोर
*
चुटकी भर सिन्दूर दे, सात जन्म का साथ
ढाई आखर पढ़ युगल, रखे उठाकर माथ
*
घूँघट पर अचकन गयी, पल भर में दिल हार
कलगी पर बेंदा करे, तन-मन विहँस निसार
*
श्वास-आस, मन-प्राण हों, सुख-समृद्धि भरपूर
छेड़े सरगम सुखों की, साँसों का संतूर
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शब्द्सुमन: संजीव, ९४२५१ ८३२४४
divyanarmada.blogspot.com
salil.sanjiv@gmail.com

गुरुवार, 3 जून 2010

शुभ-कामना : कपिल-क्षिप्रा परिणय

- : पावन-परिणय : - 

आयुष्मान कपिल आत्मज श्रीमती रजनी - प्रो. नरेन्द्र वर्मा, नागपुर

संग

आयुष्मती क्षिप्रा आत्मजा श्रीमती - श्री अतुल खरे, छतरपुर.

*
परिणय पर्व,शनिवार १९.६.२०१०, नागपुर.

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*
. सकल 'सृष्टि' के रचनाकर्ता, चित्रगुप्त भगवान .
.. मातु नन्दिनी-माँ इरावती, राग-विराग निधान..
*
. रिद्धि-सिद्धि विघ्नेश नमन,  'विधि'-हरि-हर महिमावान .
.. भारत-भारती मातु नर्मदा, 'रवि'-'शशि' दें वरदान ..
*
. रीति सनातन, नीति पुरातन, प्रकृति-पुरुष हों एक .
.. चंदा-'पूनम', 'सूरज'-'ऊषा', सदृश रहें सविवेक ..
*
. श्वास-हास का, आस-रास का, नैसर्गिक सम्बन्ध .
.. नीर-क्षीर सम एक प्राण हों, अजर-अमर अनुबंध ..
*
. 'जग-लीला' हित 'जगन्नाथ' ने, किया नागपुर-वास .
.. जबलपुर से 'लीला' ने आ, धन्य किया आवास ..
*
. सुत 'नरेंद्र-रजनी' ने पाया, 'कपिल' नेक-अभिराम .
.. 'प्रगति' संग 'पंकज', 'योगी-अभिलाषा', मिले ललाम ..
*
. 'क्षिप्रा'- 'नेहा कीर्ति शांति यश' नेह-नर्मदा धार .
.. आये 'पुष्पा-अतुल' हुआ आभारी सब परिवार ..
*
. 'क्षिप्रा-प्रभा अजय' उज्जवल, ले नव 'आशा' भूपेश .
.. 'कपिल'- 'कृष्ण' सम निपुण,  कुशल ज्यों 'शरद-शिशिर-राजेश'..
*
. 'नीना-सविता-रेणु-स्मृति', 'राहुल-मुकुल अनंत' .
.. 'तान्या-नव्या तुहिना' दिव्या, प्रमुदित दिशा-दिगंत ..
*
. 'रचित-ऋतिक' मुद-मग्न सुन रहे, बन्ना-बन्नी गीत .
.. महाराष्ट्र-बुन्देलखण्ड' का मिलन, प्रीत की जीत ..
*
. चुटकी भर सिन्दूर, रखेगा 'मन्वन्तर' तक साथ .
.. मंगल-सूत्र-मुद्रिका हर्षित, देख हाथ-में हाथ ..
*
. बेंदा घूँघट नथ करधन,  चूड़ी पायल लालित्य .
.. कंगन अचकन पटका पगड़ी, कलगी नव आदित्य ..
*
. लज्जा हर्ष हुलास रुदन, बिछुड़ें-मिल अपने आज .
.. स्वागत, गारी, गीत विदाई के, गूँजें सँग साज ..
*
 . नयन उठे मिल सँकुच झुके, उठ मिल होते खुद बंद .
.. नयन बोलते बिन बोले ही, कहे-अनकहे छंद ..
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. 'सलिल-साधना' सतत स्नेह की, देती परमानंद .
.. है 'अशोक' शुभ 'संध्या', दें वर आकर आनंदकंद ..
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दुनिया का हर सुख पाओ, बढ़ वंश-बेल दे नाम.
.. सदन 'कपिल-क्षिप्रा' का हो, स्वर्गोपम तीरथ-धाम ..

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 शब्द-सुमनांजलि : आचार्य  संजीव  'सलिल', सम्पादक दिव्यनर्मदा नेट पत्रिका.
salil.sanjiv@gmail.com, 09425183244