कुल पेज दृश्य

buddhijivi aur bahas लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
buddhijivi aur bahas लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2014

laghukatha:

लघुकथा:

बुद्धिजीवी और बहस

संजीव
*

'आप बताते हैं कि बचपन में चौपाल पर रोज जाते थे और वहाँ बहुत कुछ सीखने को मिलता थ. क्या वहाँ पर ट्यूटर आते थे?'

'नहीं बेटा! वहाँ कुछ सयाने लोग आते थे जिनकी बातें बाकि सभी लोग सुनते-समझते और उनसे पूछते भी थे.'

'अच्छा, तो वहाँ टी. वी. की तरह बहस और आरोप भी लगते होंगे?'

'नहीं, ऐसा तो कभी नहीं होता था'

'यह कैसे हो सकता है? लोग हों, वह भी बुद्धिजीवी और बहस न हो...  आप गप्प तो नहीं मार रहे?'

दादा समझाते रहे पर पोता संतुष्ट न हो सका.

*