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रविवार, 28 अप्रैल 2019

दोहा दुनिया

दोहा दुनिया
बात से बात
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बात बात से निकलती, करती अर्थ-अनर्थ
अपनी-अपनी दृष्टि है, क्या सार्थक क्या व्यर्थ?
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'सर! हद सरहद की कहाँ?, कैसे सकते जान?
सर! गम है किस बात का, सरगम से अनजान
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'रमा रहा मन रमा में, बिसरे राम-रमेश.
सब चाहें गौरी मिले, हों सँग नहीं महेश.
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राम नाम की चाह में, चाह राम की नांय.
काम राम की आड़ में, संतों को भटकाय..
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'है सराह में, वाह में, आह छिपी- यह देख.
चाह कहाँ कितनी रही?, करले इसका लेख..
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'गुरु कहना तो ठीक है, कहें न गुरु घंटाल.
वरना भास्कर 'सलिल' में, डूब दिखेगा लाल..'
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'लाजवाब में भी मिला, मुझको छिपा जवाब.
जैसे काँटे छिपाए, सुन्दर लगे गुलाब'.
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'डूबेगा तो उगेगा, भास्कर ले नव भोर.
पंछी कलरव करेंगे, मनुज मचाए शोर..'
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'एक-एक कर बढ़ चलें, पग लें मंजिल जीत.
बाधा माने हार जग, गाये जय के गीत.'.
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'कौन कहाँ प्रस्तुत हुआ?, और अप्रस्तुत कौन?
जब भी पूछे प्रश्न मन, उत्तर पाया मौन.'.
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तनखा ही तन खा रही, मन को बना गुलाम.
श्रम करता गम कम 'सलिल', करो काम निष्काम.
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२८-४-२०१४

गुरुवार, 4 जनवरी 2018

दोहा दुनिया doha duniya

ॐ 
विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर 
४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, सुभद्रा वार्ड, जबलपुर ४८२००१ 
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विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर द्वारा हिंदी के कालजयी छंद दोहा के समसामयिक लेखन को संवर्धित और  समृद्ध करने के उद्देश्य से समकालिक श्रेष्ठ दोहाकारों के दोहा-संकलनों की श्रंखला आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' के संपादन में प्रकाशित की जा रही है। संकलनों का प्रकाशन सहभागिता के आधार पर हो रहा है। सम्मिलित होने के इच्छुक दोहकारों से १२० दोहे, चित्र, परिचय (नाम, उपनाम, जन्म तिथि,  जन्मस्थान, माता-पिता / जीवन साथी का नाम,  शिक्षा, लेखन-विधाएँ, प्रकाशित कृतियों के  नाम, विधा व वर्ष, उल्लेखनीय उपलब्धियाँ, पूरा पता, चल / दूर भाष, ईमेल), सहमति पत्र तथा ३०००/- सहयोग राशि (दोहे स्वीकृत होने के बाद) आमंत्रित है। आवश्यक होने पर दोहों में संशोधन का अधिकार संपादक को होगा। संकलन प्रकाशन के पश्चात हर सहभागी को ११-११ प्रतियाँ निशुल्क दी जाएँगी। कम से कम ११ रचनाकार होने पर ही संकलन प्रकाशित किया जाएगा। उपलब्ध होने पर अतिरिक्त प्रतियाँ ३०% रियायती मूल्य पर प्रदान की जा सकेंगी। सहभागियों का चयन दोहों की मौलिकता, गुणवत्ता तथा पहले आने के आधार पर किया जाएगा। सामग्री salil.sanjiv@gmail.com पर शीघ्रादिशीघ्र भेजें। 
(टीप: जो दोहाकार ३०००/- सहभागिता निधि देने में कठिनाई अनुभव करते हों वे ३००/- प्रति पृष्ट की दर से २, ४, ६ या ८ पृष्ठों हेतु राशि तथा क्रमश: १५, ४०, ६० व ८० दोहे भेजें।)
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