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रविवार, 28 जून 2020

शारदा वंदन

शारदा वंदन

माँ शारदे! स्वर-सार दे
लय-भाव-रस उपहार दे

सुत को यही वरदान दे
रच छंद तुझ पर वार दे

भटका न लेकिन पा सका
माँ! कर दया; अब सार दे

मोती न हीरे चाहिए
आशीष का गलहार दे

कुछ और चाहे हो नहीं
रचनाओं में भर प्यार दे
१३-३-२०२० 

शारदा वंदन

शारदा वंदन
गीत
आलोक दो माँ शारदे!
*
तम-तोम से दुनिया घिरी है
भीड़ एकाकी निरी है
अजब माया, आप छाया
अकेलेपन से डरी है
लेने न चिंता चैन देती
आमोद दो माँ शारदे!
*
सननसन बह पवन बनकर
छूम छनननन बज सके मन
कलल कलकल सलिल निर्मल
करे कलरव नाचकर तन
सुन सकूँ पल पल अनाहद
नाद नित माँ शारदे!
*
बरस टप टप तृषा हर लूँ
अंकुरित हो आँख खोलूँ
पल्लवित कर हरी धरती
पुलक पुष्पित धन्य हो लूँ
झुकूँ चरणों में फलित हो
पग-लोक दो माँ शारदे!
*
१९-६-२०२०