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शुक्रवार, 23 जून 2017

baal geet

🗼उड़ान 🗼
🌾जय माँ शारदे🌾
🎄आज २३-६-२०१७ का विषय🎄
आज की विधा: 🌷🌷चित्र-लेखन🌷🌷
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बाल गीत
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पानी दो, अब पानी दो मौला धरती धानी दो, पानी दो... * तप-तप धरती सूख गयी बहा पसीना, भूख गई. बहुत सयानी है दुनिया प्रभु! थोड़ी नादानी दो, पानी दो... * टप-टप-टप बूँदें बरसें छप-छपाक-छप मन हरषे टर्र-टर्र बोले दादुर मेघा-बिजुरी दानी दो, पानी दो... * रोको कारें, आ नीचे नहा-नाच हम-तुम भीगे ता-ता-थैया खेलेंगे सखी एक भूटानी दो, पानी दो... * सड़कों पर बहता पानी याद आ रही क्या नानी? जहाँ-तहाँ लुक-छिपते क्यों? कर थोड़ी मनमानी लो, पानी दो... * छलकी बादल की गागर नचे झाड़ ज्यों नटनागर हर पत्ती गोपी-ग्वालन करें रास रसखानी दो, पानी दो... * 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

मंगलवार, 31 जुलाई 2012

बाल गीत: बरसे पानी -- संजीव 'सलिल'

बाल गीत:

बरसे पानी



संजीव 'सलिल'
*



रिमझिम रिमझिम बरसे पानी.
आओ, हम कर लें मनमानी.



बड़े नासमझ कहते हमसे
मत भीगो यह है नादानी.



वे क्या जानें बहुतई अच्छा
लगे खेलना हमको पानी.



छाते में छिप नाव बहा ले.
जब तक देख बुलाये नानी.



कितनी सुन्दर धरा लग रही,
जैसे ओढ़े चूनर धानी.



काश कहीं झूला मिल जाता,
सुनते-गाते कजरी-बानी.



'सलिल' बालपन फिर मिल पाये.
बिसराऊँ सब अकल सयानी.
*



Acharya Sanjiv verma 'Salil'

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