
आई लव यू
संजीव 'सलिल'
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लालू से कालू कहे, 'यारां यह तो सोच.
कौन देश जिसने करी, 'आई लव यू' की खोज?'
समझ गये लालू तुरत, बेढब किया सवाल.
जान बचाने के लिये किसी तरह दूँ टाल.
भाषण देना सहज है, प्रश्न लगे आसान.
सूझ नहीं उत्तर रहा, आफत में है जान..
कालू बोला: 'मान लो, हार- बढ़ेगा ज्ञान.
मैं उत्तर बतलाऊँगा', है बेहद आसान..
सिर खुजलाया, मूँदकर बैठे लालू नैन.
लेकिन उत्तर ना मिला, थे बेहद बेचैन.
मरता क्या करता नहीं, आखिर मानी हार.
अट्टहास कालू करे, जीता अब की बार.
फिर बोला: 'चाइना ने, 'आई लव यू' की खोज.
करी वापरें लोग सब, दुनिया भर में रोज.
कोई गारंटी नहीं, पल भर में हो अंत.
कभी जिंदगी भर चले, जैसे सृष्टि अनंत.
चाइना का प्रोडक्ट जो, ले वह तो पछताय.
और न ले जो उसे भी देखो नित ललचाय..
'आई लव यू' की विफलता, देती दुःख-अफ़सोस.
'सलिल' सफल ज़िंदगी भर, रोता खुद को कोस..
सलिल.संजीव@जीमेल.कॉम
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