कुल पेज दृश्य

प्राची लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
प्राची लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 12 जून 2012

दोहा गीत: फिर प्राची से... -- संजीव 'सलिल'

दोहा गीत:
फिर प्राची से...
संजीव 'सलिल'
*


*
फिर प्राची से प्रगटा है रवि...
*
जाग रात भर कर अथक, अंधकार से जंग.
ले उजियारा आ गया, सबको करता दंग..

कलरव स्वागत कर रहे, अगिन विहग कर गान.
जितनी ताकत पंख में, उतनी भरें उड़ान..

मन-प्राणों में ज्वलित हुई पवि,
फिर प्राची से प्रगटा है रवि...
*


उषा सुंदरी सँग ले, पुलकित लाल कपोल.
अपरूपा सौंदर्य शुचि, लख दिल जाए डोल..

कनक किरण भू को करे, छूकर नम्र प्रणाम.
शयन कक्ष में झाँककर, कहे त्याग विश्राम..

जाग जगा जग को कविता कवि,
फिर प्राची से प्रगटा है रवि...
*



काम त्याग दे भोर भई,  रहे काम से काम.
फल की चिंता छोड़ दे, भला करेंगे राम..

नाम न कोई रख सके, कर कुछ ऐसा काम.
नाम मिले- हो देखकर, 'सलिल' प्रसन्न अनाम..

ज्यों की त्यों चादर, उज्जवल छवि,
फिर प्राची से प्रगटा है रवि...



*****
Acharya Sanjiv verma 'Salil'
http://divyanarmada.blogspot.com
http://hindihindi.in