कुल पेज दृश्य

अर्जुन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अर्जुन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

shubhgeeta chhand

छंद सलिला: पहले एक पसेरी पढ़ / फिर तोला लिख... 
पाठ १०३ 
नव प्रयोग: शुभगीता छंद
*
छंद सलिला सतत प्रवहित, मीत अवगाहन करें।
शारदा का भारती सँग, विहँस आराधन करें।।  
*
जन्म ब्याह राखी तिलक, गृह-प्रवेश त्यौहार।  
सलिल बचा पौधे लगा, दें पुस्तक उपहार
।। 
*
लक्षण:
१. ४ पंक्ति।
२. प्रति पंक्ति २७ मात्रा।
३. १५-१२ मात्राओं पर यति।
४. हर पंक्ति के अंत में गुरु-लघु-गुरु मात्रा।
५. हर २ पंक्ति में सम तुकांत। 
लक्षण छंद:
पन्द्रह-बारह रखो मात्रा, गुरु-लघु-गुरु पदांत हो। 
शुभगीता को पढ़-समझ लो, विकल मन भी शांत हो।।
करो काम निष्काम सारे, चित न पल भर भ्रांत हो। 
उगे, तपे या ढले दिनकर, बोल कब वह क्लांत हो?
उदाहरण:
शुभ गीता में मन रमाओ, करो अर्जुन! वायदा। 
करो काम निष्काम सारे, तोड़ना मत कायदा।।
धनुष उठाओ शर चढ़ाओ, शत्रु का उर-भेद दो। 
रुको नहीं तुम गदाधारी!, दुश्मनों को खेद हो।।
***
हिंदी आटा माढ़िये, उर्दू मोयन डाल
सलिल संस्कृत सान दे, पूड़ी बने कमाल
*
salil.sanjiv@gmail.com, ९४२५१८३२४४
#divyanarmada.blogspot.com
#हिंदी_ब्लॉगर

बुधवार, 27 मई 2009

लघु कथा:

गुरु दक्षिणा

- आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

एकलव्य का अद्वितीय धनुर्विद्या अभ्यास देखकर गुरुवार द्रोणाचार्य चकराए कि अर्जुन को पीछे छोड़कर यह श्रेष्ठ न हो जाए। उन्होंने गुरु दक्षिणा के बहाने एकलव्य का बाएँ हाथ का अंगूठा मांग लिया और यह सोचकर प्रसन्न हो गए कि काम बन गया। प्रगट में आशीष देते हुए बोले- 'धन्य हो वत्स! तुम्हारा यश युगों-युगों तक इस पृथ्वी पर अमर रहेगा।'

'आपकी कृपा है गुरुवर!' एकलव्य ने बाएँ हाथ का अंगूठा गुरु दक्षिणा में देकर विकलांग होने का प्रमाणपत्र बनवाया और छात्रवृत्ति का जुगाड़ कर लिया। छात्रवृत्ति के रुपयों से प्लास्टिक सर्जरी कराकर अंगूठा जुड़वाया और द्रोणाचार्य एवं अर्जुन को ठेंगा बताते हुए 'अंगूठा' चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव समर में कूद पड़ा।

तब से उसके वंशज आदिवासी द्रोणाचार्य से शिक्षा न लेकर अंगूठा लगाने लगे।