दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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मंगलवार, 19 नवंबर 2013
Indian manual lift: sanjiv
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शुक्रवार, 26 नवंबर 2010
व्यंग गीत: कथनी-करनी संजीव 'सलिल'
व्यंग
गीत:
कथनी-करनी
संजीव 'सलिल'
*
कथनी-करनी एक न हो,
जाग्रत कभी विवेक न हो.....
*
साधु-संत सुत हों पड़ोस में,
अपना नेता-अफसर हो.
मीरां-काली तेरे घर हो,
श्री-समृद्धि मेरे घर हो.
एक राह है, एक चाह है-
हे हरि! लक्ष्य अ-नेक न हो.....
*
पूजें हम रैदास-कबीरा.
चाहें खुद हों धन्नामल.
तुम त्यागी-वैरागी हो, हम-
व्यापारी हों निपुण-कुशल.
हमको कुर्सी, गद्दी, आसन
तुम्हें नसीबित टेक न हो.....
*
हमको पूड़ी, तुमको रोटी.
तुमको सब्जी, हमको बोटी.
विफल पैंतरे रहें तुम्हारे-
'सलिल' सफल हों अपनी गोटी.
जो रचना को नहीं सराहे
चोट लगे पर सेक न हो.....
******
गीत:
कथनी-करनी
संजीव 'सलिल'
*
कथनी-करनी एक न हो,
जाग्रत कभी विवेक न हो.....
*
साधु-संत सुत हों पड़ोस में,
अपना नेता-अफसर हो.
मीरां-काली तेरे घर हो,
श्री-समृद्धि मेरे घर हो.
एक राह है, एक चाह है-
हे हरि! लक्ष्य अ-नेक न हो.....
*
पूजें हम रैदास-कबीरा.
चाहें खुद हों धन्नामल.
तुम त्यागी-वैरागी हो, हम-
व्यापारी हों निपुण-कुशल.
हमको कुर्सी, गद्दी, आसन
तुम्हें नसीबित टेक न हो.....
*
हमको पूड़ी, तुमको रोटी.
तुमको सब्जी, हमको बोटी.
विफल पैंतरे रहें तुम्हारे-
'सलिल' सफल हों अपनी गोटी.
जो रचना को नहीं सराहे
चोट लगे पर सेक न हो.....
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शुक्रवार, 10 सितंबर 2010
बाल गीत: काम करें... संजीव 'सलिल'
बाल गीत:
काम करें...
संजीव 'सलिल'
*
*
हम हिन्दी में काम करें.
जग में ऊँचा नाम करें..
मिलें, कहें- 'जय हिंद' सखे..
बिछुड़ें तो 'जय राम' कहें..
आलस करें न पल भर भी.
सदा समय पर काम करें..
भेद-भाव सब बिसराएँ.
भाई-चारा आम करें..
'माँ', मैया, माता' बोलें.
ममी, न मम्मी,माम करें..
क्रोध, ईर्ष्या, स्वार्थ तजें.
जीवन को सुख-धाम करें..
'सलिल'- साधना सफल तभी.
कोशिश आठों याम करें..
**************************
दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम
Acharya Sanjiv Salil
http://divyanarmada.blogspot.com
काम करें...
संजीव 'सलिल'
*
*
हम हिन्दी में काम करें.
जग में ऊँचा नाम करें..
मिलें, कहें- 'जय हिंद' सखे..
बिछुड़ें तो 'जय राम' कहें..
आलस करें न पल भर भी.
सदा समय पर काम करें..
भेद-भाव सब बिसराएँ.
भाई-चारा आम करें..
'माँ', मैया, माता' बोलें.
ममी, न मम्मी,माम करें..
क्रोध, ईर्ष्या, स्वार्थ तजें.
जीवन को सुख-धाम करें..
'सलिल'- साधना सफल तभी.
कोशिश आठों याम करें..
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