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मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

भोजपुरी कहावतें

कहावत सलिला:
भोजपुरी कहावतें:
*
कहावतें किसी भाषा की जान होती हैं.
कहावतें कम शब्दों में अधिक भाव व्यक्त करती हैं.
कहावतों के गूढार्थ तथा निहितार्थ भी होते हैं.

१. अबरा के मेहर गाँव के भौजी.
२. अबरा के भईंस बिआले कs टोला.
३. अपने मुँह मियाँ मीठू बा.
४. अपने दिल से जानी पराया दिल के हाल.
५. मुर्गा न बोली त बिहाने न होई.
२३.४.२०१०
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भोजपुरी कहावतें

कहावत सलिला:
भोजपुरी कहावतें:
*
भोजपुरी कहावतें दी जा रही हैं. पाठकों से अनुरोध है कि अपने-अपने अंचल में प्रचलित लोक भाषाओँ, बोलियों की कहावतें भावार्थ सहित यहाँ दें ताकि अन्य जन उनसे परिचित हो सकें. .

१. पोखरा खनाचे जिन मगर के डेरा.
२. कोढ़िया डरावे थूक से.
३. ढेर जोगी मठ के इजार होले.
४. गरीब के मेहरारू सभ के भौजाई.
५. अँखिया पथरा गइल.
२३.४.२०१०
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गुरुवार, 1 जुलाई 2010

कहे कहावत अनकही : -१

लेख:
कहे कहावत अनकही : -१  सलिल











कहावतें हिन्दी की जान हैं. कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक या बिना कटुता के गूढ़ को सरलता से अभिव्यक्त करने में कहावत का सानी नहीं. इस शीर्षक के अंतर्गत विश्व की विविध भाषाओँ-बोलियों की कहावतें अर्थ तथा प्रयोग सहित प्रस्तुत की जायेंगी. आप का सहयोग आमंत्रित है:

१. हिम्मत न हारना  =  निराश न होना.
हारिए न हिम्मत, बिसारिए न राम.
जेहि विधि रखे राम. ताहि विधि रहियो..
सौ बारअसफल होने पर भी य्हम्मत नहीं हारना चाहिए.

२. मिट्टी में मिल जाना = नष्ट हो जाना.
मत घमंड कर, माटी का तन, माटी में मिल जाना है.
भष्टाचार कर धन-संपत्ति जोड़नेवाला भूल जाता है कि आखिर में उसे भी माटी में मिल जाना है. 

प्रेषक - राणा प्रताप सिंह 
३. कहावत:-:
जहां जाये दूला रानी
उहाँ पड़े पाथर पानी
मूल भाषा:-
अवधी
अर्थ/प्रयोग:-
यह कहावत ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयोग की जाती है जिसके जाते ही कोई कार्य बिगड़ने लगता है.

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शनिवार, 24 अप्रैल 2010

भोजपुरी कहावत कोष : संजीव वर्मा 'सलिल'

भोजपुरी कहावत कोष  : संजीव वर्मा 'सलिल'

भोजपुरी मधुर और सरस लोक भाषा है. कहावतें किसी भाषा की जान होती हैं.
कहावतों को लोकोक्ति ( लोक + उक्ति = जन सामान्य द्वारा कही
और उद्दृत किए जानेवाला कथन ) भी कहा जाता है. अंगरेजी में इसे saying, maxim
या phrase
कहते हैं. कहावत का प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है अर्थात कहावत
का वाक्य में प्रयोग किया जाना आवश्यक नहीं है. सिर्फ कहावत कही जाये तो भी
उसका आशय, मतलब या भावार्थ व्यक्त हो जाता है.
मुहावरों (Idioms) का संकलन अलग किया जा रहा है.

हमारा प्रयास देवनागरी वर्णमाला के क्रमानुसार भोजपुरी कहावतों का संचय करना है. जब जो कहावत मिलाती जायेगी उसे यथास्थान जोड़ा जाएगा. आप को जो कहावत या मुहावरा ज्ञात हो वह अवश्य बताइए ताकि
भोजपुरी का विकास हो और उसमें हर विषय और विधा की अभिव्यक्ति हो सके.


१. अँखिया पथरा गइल.

२. अपने दिल से जानी पराया दिल के हाल. 

३. अपने मुँह मियाँ मीठू बा.

४. अबरा के भईंस बिआले कs टोला.

५. अबरा के मेहर गाँव के भौजी.

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१. कोढ़िया डरावे थूक से.
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१. गरीब के मेहरारू सभ के भौजाई.
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१. ढेर जोगी मठ के इजार होले.
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१. पोखरा खनाचे जिन मगर के डेरा.
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१. मुर्गा न बोली त बिहाने न होई.

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संकलक: संजीव 'सलिल, दिव्यनर्मदा@जीमेल.कॉम

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010

कहावत सलिला: १ भोजपुरी कहावतें:

कहावत सलिला: १

भोजपुरी कहावतें:

संजीव 'सलिल'
*
कहावतें किसी भाषा की जान होती हैं. कहावतें कम शब्दों में अधिक भाव व्यक्त करती हैं. कहावतों के गूढार्थ तथा निहितार्थ भी होते हैं. यहाँ भोजपुरी कि कुछ कहावतें दी जा रही हैं. पाठकों से अनुरोध है कि अपने-अपने अंचल में प्रचलित लोक भाषाओँ, बोलियों की कहावतें भावार्थ सहित यहाँ दें ताकि अन्य जन उनसे परिचित हो सकें.

१. अबरा के मेहर गाँव के भौजी.

२. अबरा के भईंस बिआले कs टोला.

३. अपने मुँह मियाँ मीठू बा.

४. अपने दिल से जानी पराया दिल के हाल.

५. मुर्गा न बोली त बिहाने न होई.

६. पोखरा खनाचे जिन मगर के डेरा.

७. कोढ़िया डरावे थूक से.

८. ढेर जोगी मठ के इजार होले.

९. गरीब के मेहरारू सभ के भौजाई.

१०. अँखिया पथरा गइल.

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संकलक: संजीव 'सलिल, दिव्यनर्मदा@जीमेल.कॉम