ऋतु - दर्शन
एस. एन. शर्मा 'कमल' , <ahutee@gmail.com>
शिशिर नित शीत सिहरता गात
शिशिर बन्द वातायन बन्द कपाट
दे रही दस्तक झंझावात
लिये हिम-खण्डों की सौगात
मलय-गंधी मृदु-मंद बयार
बसंत निहोरे करते अलि गुंजार
न हो कैसे कलि को स्वीकार
मदिर ऋतु का फागुनी दुलार
ज्येष्ठ का ताप-विदग्ध आकाश
ग्रीष्म धरा सहती दिनकर का श्राप
ग्रीष्म का दारुणतम संताप
विखंडित अणु का सा अनुताप
प्रकृति में नव-यौवन संचार
वर्षा क्वार की शिथिल सुरम्य फुहार
गगन-पथ पर उन्मुक्त विहार
श्वेत श्यामल बादल सुकुमार
शरदनिशि का सौन्दर्य अपार
शरद पूर्णिमा की अमृत-रस धार
दिशाएँ करतीं मधु-संचार
धरा सजती सोलह श्रृंगार
अनोखी है हेमन्त बहार
हेमन्त सजें गेंदा गुलाब घर द्वार खेत गदराये वक्ष उभार
प्रकृति का अदभुत रूप निखार
*******************
एस. एन. शर्मा 'कमल' , <ahutee@gmail.com>
शिशिर नित शीत सिहरता गात
शिशिर बन्द वातायन बन्द कपाट
दे रही दस्तक झंझावात
लिये हिम-खण्डों की सौगात
मलय-गंधी मृदु-मंद बयार
बसंत निहोरे करते अलि गुंजार
न हो कैसे कलि को स्वीकार
मदिर ऋतु का फागुनी दुलार
ज्येष्ठ का ताप-विदग्ध आकाश
ग्रीष्म धरा सहती दिनकर का श्राप
ग्रीष्म का दारुणतम संताप
विखंडित अणु का सा अनुताप
प्रकृति में नव-यौवन संचार वर्षा क्वार की शिथिल सुरम्य फुहार
गगन-पथ पर उन्मुक्त विहार
श्वेत श्यामल बादल सुकुमार
शरदनिशि का सौन्दर्य अपार
शरद पूर्णिमा की अमृत-रस धार
दिशाएँ करतीं मधु-संचार
धरा सजती सोलह श्रृंगार
अनोखी है हेमन्त बहार
हेमन्त सजें गेंदा गुलाब घर द्वार खेत गदराये वक्ष उभार
प्रकृति का अदभुत रूप निखार
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