कुल पेज दृश्य

छंद सार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
छंद सार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 28 जून 2020

शारद वंदना

शारद वंदना
पद
(यौगिक जातीय सार छंद)
*
शारद सुर-ध्वनि कंठ सजावै।
स्वर व्यंजन अक्षर लिपि भाषा,  पल-पल माई सिखावै।।
कलकल कलरव लोरी भगतें, भजन आरती गावै।
कजरी बम्बुलिया चौकड़िया, आल्हा राई सुनावै।।
सोहर बन्ना बन्नी गारी, रास बधावा भावै।
सुख में दुख में संबल बन कें, अँगुरी पकरि चलावै।।
रसानंद दै मैया मोरी, ब्रह्मानंद लुटावै।
भवसागर की भीति मिटा खें, नैया पार लगावै।।
*
१४-६-२०२०

बुधवार, 17 जून 2020

शारद वंदना : पद यौगिक जातीय सार छंद

शारद वंदना : पद
यौगिक जातीय सार छंद
*
शारद स्वर-ध्वनि कंठ सजावै।
स्वर व्यंजन अक्षर लिपि भाषा, पल-पल माई सिखावै।।
कलकल-कलरव, लोरी भगतें, भजन आरती गावै।
कजरी बंबुलिया चौकडिया, आल्हा-राई सुनावै।।
सोहर बन्ना-बन्नी गारी, अधरों पे धर जावै।
सुख में दुःख में बने सहारा, पल में पीर भुलावै।।
रसानंद दे मैया मोरी, ब्रह्मानंद लुटावै।
भव सागर की भीति भुला खें, नैया पार लगावै।।
***