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शुक्रवार, 25 जुलाई 2014

aawhaan gaan: sanjiv

आव्हान गान संजीव * जागो, जागो, जागो रे!
कायस्थों अब जागो रे!!
हम खुद से ही हारे हैं
अब मिल निज हक माँगो रे!!....
*
बारह रहो न, एक बनो
खूब मेहनती, नेक बनो.
जमा रखो धरती पर पैर
आसमान को फिर छू लो.
मिले मार्ग में जो बाधा
उससे डर मत भागो रे!!...
*
जो चाहोगे, पा सकते,
गीत शौर्य के गा सकते.
कोई हरा न पायेगा
हँस मंजिल तक जा सकते.
सूर्य, चंद्र्मा तारों को
ला आँगन में टाँगो रे!!...
*
चित्रगुप्त प्रभु जी संदेश,
कार्य न कोई छोटा लेश.
हर भाषा-विद्या सीखो
पहुँच शीर्ष पर हँसो हमेश.
कर्म कुशलता का झंडा
सब दुनिया पर गाड़ो रे!!...
*