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शनिवार, 3 जनवरी 2015

rashtreey kayasth mahaparishad:

राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद के ब्लॉग का लिंक http://kayasthamahaparishad.blogspot.in/2014/12/smriti-geet_30.html  
फेसबुक पेज का लिंक https://www.facebook.com/groups/1482061668697045/?fref=ts या https://www.facebook.com/groups/713756695348916/ है. 
आप इन पर पधारें तथा इन्हें अधिक उपयोगी बनाने में सहायक हों. 
अपने प्रभाव तथा परिचय क्षेत्र की गतिविधियाँ भेजते रहें. आयोजनों में महापरिषद पदाधिकारियों को आमंत्रित करें।  ब्लॉग पर पदाधिकारी, प्रतिभा, व्यक्तित्व, महापुरुष, तीर्थ स्थान, मंदिर, धर्मशाला आदि की जानकारी  के स्तम्भ तभी उपयोगी होंगे जब इनमें जानकारी आप सबके माध्यम से मिले. 
सभी को नमन. 
जय चित्रगुप्तजी! जय हिन्द!!
शुभाकांक्षी 
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' 
महामंत्री राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद
समन्वयम २०४ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१ 
चलभाष: ९४२५१ ८३२४४, ईमेल: salil.sanjiv@gmail.com

 

रविवार, 28 मार्च 2010

आज की कविता: संस्था ---आचार्य श्यामलाल उपाध्याय

समूह की इकाई

पंजीकृत, अपंजीकृत

राजनैतिक, सामाजिक,

धार्मिक, सांस्कृतिक,

साहित्यिक, मानवतावादी

नीतिगत, समाजगत,

धर्म-संस्कृतिगत,

नैतिक वा मूल्यगत.


बन क्या सकेगी

आदर्श जन-जीवन की

संस्था वह जिसके

सुचिन्तक बने हैं आप

मंत्री-अध्यक्ष बन

चलते अपनी नाव

बजाते अपनी डफली

अलापते अपना राग

गाते अपने गीत

मात्र अपनी संस्था के.


कैसे करेगी वह

श्रृंगार मानव का

जो रहा सदस्यता

और उसकी छायासे

अति दूर वंचित

देवी तो भूरि-भूरि

आशिष को प्रस्तुत

पर मात्र उसके प्रति

जो रहा निष्ठावान?


इसके क्रिया-कलाप

भले ही हों मर्यादित

अंशतः मानवतावादी

करते दुराग्रह और

हनन मर्यादा का

सार्वभौम सत्ता का

सार्वजनीनता का

बहुजन हिताय और

बहुजन सुखाय का.


जब तक कि उसके भाव

वर्ग सत्ता मोह छोड़

समाज की परिधि लाँघ चले नहीं

तब तक व्यक्ति या समाज

अथवा कोई भी संस्था अन्य

करती रहेगी अपकार

जन-जीवन का

इसका वरदान मात्र

अभिशाप-अनुक्षण

करता रहेगा मनुहार

अपनी संस्था का..



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