हिंदी कविता का आकर्षण छायावाद Romanticism :
दीप्ति गुप्ता - संजीव 'सलिल'
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सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
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महादेवी वर्मा
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सुमित्रानंदन पन्त
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दीप्ति गुप्ता - संजीव 'सलिल'
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जब मानवीय प्रवृत्तियों व कार्य-कलापों को प्रकृति के उपादानों के माध्यम से व्यक्त करनेवाली कविता छायावादी कविता है। प्रकृति पर मानवीय भावों का आरोपण छायावादी कविता होती है! छायावाद के चार प्रमुख स्तम्भ जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', महादेवी वर्मा तथा सुमित्रानन्दन पन्त हैं। 







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सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
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महादेवी वर्मा
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सुमित्रानंदन पन्त
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अंग्रेजी काव्य में छायावाद को रोमांटिसिज्म कहा गया है।
Nature and love were a
major themes of Romanticism favoured by 18th and 19th century poets
such as Lord Byron, Percy Bysshe Shelley and John Keats. Emphasis in
such poetry is placed on the personal experiences of the individual.
The Question
by
Percy Bysshe Shelley
by
Percy Bysshe Shelley
I dreamed that, as I wandered by the way,
Bare Winter suddenly was changed to Spring,
And gentle odours led my steps astray,
Mixed with a sound of waters murmuring
प्रश्न: पर्सी ब्येश शैली
भटक रहा था पथ पर मैंने सपना देखा
कड़ी शीत को बासंती होते था लेखा
सलिल-धार की कलकल मिश्रित मदिर सुरभि ने
मेरे कदमों को यायावर कर बहकाया
Bare Winter suddenly was changed to Spring,
And gentle odours led my steps astray,
Mixed with a sound of waters murmuring
प्रश्न: पर्सी ब्येश शैली
भटक रहा था पथ पर मैंने सपना देखा
कड़ी शीत को बासंती होते था लेखा
सलिल-धार की कलकल मिश्रित मदिर सुरभि ने
मेरे कदमों को यायावर कर बहकाया