कुल पेज दृश्य

piyushvarsh chhand लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
piyushvarsh chhand लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 26 मई 2017

muktika

मुक्तिका
तेरे लिए
(१९ मात्रिक महापौराणिकजातीय आनंदवर्धक छंद)
*
जी रहा हूँ श्वास हर तेरे लिए
पी रहा हूँ प्यास हर तेरे लिए
*
हर ख़ुशी-आनंद है तेरे लिए
मीत! मेरा छंद है तेरे लिए
*
मधुर अनहद नाद है तेरे लिए
भोग, रसना, स्वाद है तेरे लिए
*
वाक् है, संवाद है तेरे लिए
प्रभु सुने फ़रियाद है तेरे लिए
*
जिंदगी का भान है तेरे लिए
बन्दगी में गान है तेरे लिए
*
सावनी जलधार है तेरे लिए
फागुनी  सिंगार है तेरे लिए
*
खिला हरसिंगार है तेरे लिए
सनम ये भुजहार है तेरे लिए
*