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बुधवार, 24 जुलाई 2019

हास्य रचना ई मित्रता पर पैरोडी

हास्य रचना 
ई मित्रता पर पैरोडी: 
संजीव 'सलिल'

(बतर्ज़: अजीब दास्तां है ये,
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम...)
*
हवाई दोस्ती है ये,
निभाई जाए किस तरह?
मिलें तो किस तरह मिलें-
मिली नहीं हो जब वज़ह?
हवाई दोस्ती है ये...
*
सवाल इससे कीजिए?
जवाब उससे लीजिए.
नहीं है जिनसे वास्ता-
उन्हीं पे आप रीझिए.
हवाई दोस्ती है ये...
*
जमीं से आसमां मिले,
कली बिना ही गुल खिले.
न जिसका अंत है कहीं-
शुरू हुए हैं सिलसिले.
हवाई दोस्ती है ये...
*
दुआ-सलाम कीजिए,
अनाम नाम लीजिए.
न पाइए न खोइए-
'सलिल' न न ख्वाब देखिए.
हवाई दोस्ती है ये...
*

रविवार, 2 दिसंबर 2018

पैरोडी- अजीबदास्तां है ये

ई मित्रता पर पैरोडी:
संजीव 'सलिल'
*
(बतर्ज़: अजीब दास्तां है ये,
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम...)
*
हवाई दोस्ती है ये,
निभाई जाए किस तरह?
मिलें तो किस तरह मिलें-
मिली नहीं हो जब वज़ह?
हवाई दोस्ती है ये...
*
सवाल इससे कीजिए?
जवाब उससे लीजिए.
नहीं है जिनसे वास्ता-
उन्हीं पे आप रीझिए.
हवाई दोस्ती है ये...
*
जमीं से आसमां मिले,
कली बिना ही गुल खिले.
न जिसका अंत है कहीं-
शुरू हुए हैं सिलसिले.
हवाई दोस्ती है ये...
*
दुआ-सलाम कीजिए,
अनाम नाम लीजिए.
न पाइए न खोइए-
'सलिल' न न ख्वाब देखिए.
हवाई दोस्ती है ये...
*

गुरुवार, 24 मार्च 2016

parody

पैरोडी 
'लेट इज बैटर दैन नेवर', कबहुँ नहीं से गैर भली  होली पर दिवाली खातिर धोनी और सब मनई के मुट्ठी भर अबीर और बोतल भर ठंडाई ......

होली पर एगो ’भोजपुरी’ गीत रऊआ लोग के सेवा में ....
नीक लागी तऽ  ठीक , ना नीक लागी तऽ कवनो बात नाहीं....
ई गीत के पहिले चार लाईन अऊरी सुन लेईं

माना कि गीत ई पुरान बा
      हर घर कऽ इहे बयान बा
होली कऽ मस्ती बयार मे-
मत पूछऽ बुढ़वो जवान बा--- कबीरा स र र र र ऽ

अब हमहूँ ६३-के ऊपरे चलत, मग्गर ३६ का हौसला रखत  बानी ..

भोजपुरी गीत : होली पर....

कईसे मनाईब होली ? हो धोनी !
कईसे मनाईब होली..ऽऽऽऽऽऽ

बैटिंग के गईला त रनहू नऽ अईला
एक गिरउला ,तऽ दूसर पठऊला
कईसे चलाइलऽ  चैनल चरचा
कोहली त धवन, रनहू कम दईला 
निगली का भंग की गोली?  हो धोनी  ! 
मिलके मनाईब होली ?ऽऽऽऽऽ

ओवर में कम से कम चउका तऽ चाही
मौका बेमौका बाऽ ,छक्का तऽ चाही
बीस रनन का रउआ रे टोटा  
सम्हरो न दुनिया में होवे हँसाई
रीती न रखियो झोली? हो राजा !
लड़ के मनाईब होली ?,ऽऽऽऽऽऽऽ

मारे बँगलदेसीऽ रह-रह के बोली
मुँहझँऊसा मुँह की खाऽ बिसरा ठिठोली
दूध छठी का याद कराइल  
अश्विन-जडेजाकऽ टोली 
बद लीनी बाजी अबोली हो राजा
भिड़ के मनाईब होली ?,ऽऽऽऽऽऽऽ

जमके लगायल रे! चउआ-छक्का 
कैच भयल गए ले के मुँह लटका
नानी स्टंपन ने याद कराइल  
फूटा बजरिया में मटका  
दै दिहिन पटकी सदा जय हो राजा
जम के मनाईब होली ?,ऽऽऽऽऽऽऽ

अरे! अईसे मनाईब होली हो राजा, अईसे मनाईब होली...
आनंद जी को समर्पित 

मंगलवार, 20 नवंबर 2012

पैरोडी: संजीव 'सलिल'

ई मित्रता पर पैरोडी:
संजीव 'सलिल'
*
(बतर्ज़: अजीब दास्तां है ये,
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम...)
*
हवाई दोस्ती है ये,
निभाई जाए किस तरह?
मिलें तो किस तरह मिलें-
मिली नहीं हो जब वज़ह?
हवाई दोस्ती है ये...
*
सवाल इससे कीजिए?
जवाब उससे लीजिए.
नहीं है जिनसे वास्ता-
उन्हीं पे आप रीझिए.
हवाई दोस्ती है ये...
*
जमीं से आसमां मिले,
कली बिना ही गुल खिले.
न जिसका अंत है कहीं-
शुरू हुए हैं सिलसिले.
हवाई दोस्ती है ये...
*
दुआ-सलाम कीजिए,
अनाम नाम लीजिए.
न पाइए न खोइए-
'सलिल' न न ख्वाब देखिए.
हवाई दोस्ती है ये...
*
Sanjiv Verma 'salil'
divyanarmada.blogspot.com
salil.sanjiv@gmail.com

शनिवार, 17 नवंबर 2012

पैरोडी: 'गा बैजू गा ...' ~ 'आतिश'

पैरोडी:
'गा बैजू गा ...'

 (रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ .. 'मेहदी हसन')
~ 'आतिश'
 

आतिश
*
बे-सुर ही सही, सर ही दुखाने के लिए गा...
आ छत पे मेरी, कऊए उड़ाने के लिए गा ...
बे-सुर ही सही ... |


तू लय से जो लुढके, तो फटे-ढोल सा गा ले ... (२)
कानों पे मेरे बिजली गिराने के लिए गा...
बे-सुर ही सही ... |


है ताल से नाराज़, तो हकला के चला ले... (२)
तबले के मुक़द्दर को मिटाने के लिए गा ...
बे-सुर ही सही ... | 


गर बीन ना बज पाए तेरी भैंसों के आगे ... (२)
सोते हुए गधों को जगाने के लिए गा ...
बे-सुर ही सही, सर ही दुखाने के लिए गा ...

 
बे-सुर ही सही ... |
**************

शनिवार, 3 नवंबर 2012

पैरोडी: मैया मोरी... सतीश चौपड़ा


पैरोडी: मैया मोरी...

सूरदास से क्षमा प्रार्थना सहित-

सतीश चौपड़ा 
From: satish chopra <satishchopra@rediffmail.com>