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मंगलवार, 22 सितंबर 2020

हास्य कविता

 हास्य रचना:

सीता-राम
*
लालू से
कालू मिला,
खुश हो किया सलाम।
बोला-
"जोड़ी जँच रही
जैसे सीता-राम।
लालू बोला-
सच?
न क्यों, रावण हरता बोल?
समा न लेती भू कहो,
क्यों लाकर भूडोल??
***

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