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रविवार, 27 सितंबर 2020

बघेली सरस्वती वंदना

बघेली सरस्वती वंदना
डॉ. नीलमणि दुबे
शहडोल
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को अब आइ सहाइ करै,पत राखनहार सरस्सुति मइया,
तोर उजास अॅंजोर भरै,उइ आइ मनो रस-रास जुॅंधइया!
बीन बजाइ सॅंभारि करा,हमरे तर आय न आन मॅंगइया,
भारत केर उबार किहा,महॅंतारि बना मझधार क नइया!!
नीलमणि दुबे
दिनांक २६-०९-२०१९

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