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बुधवार, 30 सितंबर 2020

सरस्वती वंदना रीमा मिश्रा

सरस्वती वंदना 
रीमा मिश्रा 
आसनसोल, बंगाल 
जय ,जय,जय हे माँ सरस्वती
आज तोमाए दिके ताकाछी
आमी हाँथ छड़िये दिछि।
आमी अजानतेई घूरे बेडाछि
आमाके नतून पथ देखान
आपनी आमार शुखनो मोने आछेन,
आसुन एवम प्रज्ञा एवम वृष्टि देखान
आमाके शक्ति दाऊ माँ
आमी प्रति सेकेण्ड हराछि
एखन मातृभूमि सेवा कोरछेन
माँ हावुया उचित जीवनेर भीति
कर्म अमादेर उपासना होबे,
माँ देयाल हए हायेछेंन, 
स्वार्थपर नय।
हे शारद आमाके आशीर्वाद करुण
आमी अपनाके ओनेक दिन 
धोरे डाकचिलम।
विणा पद्मनेर प्रश्नशित,
स्तयोर गान वर्णना करछी
तोमार माँ, सादा केशिक
नम्र आचरण प्रदर्शन करा।
अंधकार अंधाकारेर ज्ञान दिन,
सराखन आमाके घिरे आछे।
जय, जय ,जय हे माँ सरस्वती, 
आज तोमाए दिके ताकची।
हिंदी अर्थ-
जय, जय, जय हे माँ सरस्वती,
तुमको आज निहार रही हूँ ।
अपने हाथ पसार रही हूँ ।।
ज्ञान-शून्य हो भटक रही हूँ,
मुझको नव-पथ तू दर्शा दे ।
सूखे मानस में तू मेरे,
ज्ञान-सुधा आकर बरसा दे ।
मुझको शक्ति दे दे माता,
पल-पल में मैं हार रही हूँ ।।
मातृभूमि की सेवा ही अब,
जीवन का आधार बने माँ ।
कर्म हमारी पूजा होगी,
स्वार्थ नहीं दीवार बने माँ ।
दे आशीष मुझे ओ शारद,
कबसे तुम्हें पुकार रही हूँ ।।
कर कमलों में वीणा शोभित,
सत्कर्मों के गीत सुनाते ।
श्वेत-वसन पावन माँ तेरे,
विमल आचरण को दर्शाते ।
ज्ञान किरण दे, घोर तिमिर में,
घिरता मैं हर बार रही हूँ ।
जय, जय, जय हे माँ सरस्वती,
तुमको आज निहार रही हूँ ।
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