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मंगलवार, 29 सितंबर 2020

दोहा पंचक

 दोहा पंचक

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मिलते हैं जगदीश यदि, मन में हो विश्वास
सिया-राम-जय गुंजाती, जीवन की हर श्वास
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आस लखन शत्रुघ्न फल, भरत विनम्र प्रयास
पूर्ण समर्पण पवनसुत, दशकंधर संत्रास
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त्याग-ओज कैकेई माँ, कौसल्या वनवास
दशरथ इन्द्रिय, सुमित्रा है कर्तव्य-उजास
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संयम-नियम समर्पिता, सीता-तनया हास
नेह-नर्मदा-सलिल है, सरयू प्रभु की ख़ास
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वध न अवध में सत्य का, होगा मानें आप
रामालय हित कीजिए, राम-नाम का जाप
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salil.sanjiv@gmail.com

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