हे हरि! ठाकुर हो तुम्हीं, मधुर पुनीता याद
राष्ट्र-लक्ष्मी शत नमन, श्रम सीकर हो खाद
कर चेतन माँ भारती, ज्ञान रश्मि विस्तार
शक्ति ईश्वरी साथ हो, दे संतोष अपार
ज्ञान लता सुषमा अमित, दे संतोष हमेश
गीता-सूरज तम हरे, सपन सजाये देश
रजनी पूनम की हँसे, पा संगीता साथ
गोवर्धन पर तपस्या, करें कन्हैया नाथ
वीणा सुन तन्मय सु मन, जमुना सलिल अथाह
टीकेश्वरी तारकेश्वरी, पावन सृजन प्रवाह
काव्य चमेली की महक, रामकली है साथ
बोधिराम मीनू गहें, सलिल एनुका हाथ
तम हर लेती वर्तिका, अरुणा लिए उजास
निधि जीवन की नव सृजन, आशा लिए हुलास
अन्य समस्त सहयोगियों को नमन
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