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मंगलवार, 22 सितंबर 2020

सरस्वती वंदना शकुंतला तरार

 सरस्वती वंदना 26.11.2003

आया मचो आय सरसती जुहार करेंसे
हात जोडुन बिनती करून सरन-सरन इलेंसे
(काय पांय पड़ेंसे) काय लेजा रे होय रे सुंदर
आया के पांय पड़ेंसे||
गियान दएदे बिधया दएदे आरू दएदे बुधी
लिखुन पढुन खुरची बसेंदे नी रहें कोना तुरची
काय लेजा रे होय दादा नी रहें कोना तुरची ||
मयं भकवा मचो बुद ने बादर ढापली से
अगमजानी आया हाते किताब धरली से
काय लेजा रे होय दादा किताब धरली से ||
आया मके बुधी देसे पढुक जायेंदे
घर चो जमाय बायले पीला के पढुक सिखायेंदे
काय लेजा रे होय दादा पढुक सिखायेंदे ||
नानी बीजा माटी मिसुन गाजा फुटेसे
खिन्डिक खिन्डिक बाढून पाछे रुख होए से
काय लेजा रे होय दादा रुख होये से||
मचो बुद नानी बीजा तुय अकराउन देसे
अकरून पाछे खांदा फुटेदे डारा-पाना हलायदे
काय लेजा रे होय दादा पाना –डारा हलायदे||
पंडरी-पंडरी हांसा ने ए बोडेंदा फूलने बसे
हाते धरून सितार बाजा सुन्दर गीद के रचे
काय लेजा रे होय दादा सुंदर गीद के रचे||

श्रीमती शकुंतला तरार (अखिल भारतीय कवयित्री, साहित्यकार एवं स्वतंत्र पत्रकार )
जन्म तिथि : 15-07-1956 शासकीय
जन्म स्थान : तहसील पारा, कोंडागांव, जिला कोंडागांव ''बस्तर''( छत्तीसगढ़)
माता का नाम : स्व.जमुना देवी देवांगन
पिता का नाम : स्व. रतनलाल देवांगन
पति : श्री टी. सी. तरार (शासकीय कर्मचारी)
शिक्षा : एम.ए- राजनीति शास्त्र , एल.एल.बी.,
बी म्यूज, एम.ए.- हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत,
डिप्लोमा -लोक संगीत, डिप्लोमा-पत्रकारिता, डिप्लोमा-उर्दू भाषा
प्रकाशित पुस्तकें- : बन कैना -छत्तीसगढ़ी गीत संग्रह, 2001
: बस्तर का क्रांतिवीर गुन्डाधुर- हिंदी छंद ,
: बस्तर की लोक कथाएं- (नवसाक्षर साहित्य),
: बेटियाँ छत्तीसगढ़ की- ( नवसाक्षर साहित्य), (2006)
: टेपारी -हाइकु संग्रह (हल्बी) (2009)
: चूरी- नाटक (छत्तीसगढ़ी), (2009)
: घरगुंदिया -कविता संग्रह, (छत्तीसगढ़ी), (2009)
: मेरा अपना बस्तर -कविता संग्रह (हिंदी) (2009)
: महारानी प्रफुल्ल्कुमारी देवी- (एस.सी.ई.आर.टी द्वारा प्रकाशित)
: बस्तर चो फुलबाड़ी -(हल्बी बाल साहित्य ), (2017)
: बस्तर चो सुंदर माटी -(हल्बी बाल साहित्य) (2017)
: राँडी माय लेका पोरटा -–हल्बी गीति कथा –साहित्य अकादमी दिल्ली से 2018 में प्रकाशित |
सम्मान- : प्रथम देवांगन महिला साहित्यकार,पत्रकार सम्मान छत्तीसगढ़ 2002 (तत्कालीन प्रदेश देवांगन समाज द्वारा शिक्षा मंत्री के कर कमलों से)
: प्रभावती सम्मान 2005, सुलभ साहित्य अकादमी (नई दिल्ली)
: वरिष्ठ कवयित्री सम्मान व्यंजना संस्था रायपुर 20 मार्च 2005 (तत्कालीन महामहिम राज्यपाल (छत्तीसगढ़) श्री के. एम. सेठ जी के कर कमलों से )
: सुभद्रा कुमारी चौहान रजत स्मृति सम्मान 25 जून 2006
हिंदी भाषा साहित्य परिषद् खगड़िया (बिहार)
: वैभव प्रकाशन सम्मान रायपुर 8 जून 2001
(तत्कालीन शिक्षा मंत्री के कर कमलों से |)
: त्रिवेणी परिषद् जबलपुर (म.प्र.) 17 फरवरी 2007 |
: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सम्मान 8 मार्च 2008 |
: हिंदी लेखिका संघ भोपाल (म.प्र.) 22 मार्च 2009 |
: गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी सम्मान रायपुर 28 दिसंबर 2013
: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सम्मान-- जिला लोक शिक्षा समिति रायपुर (छ.ग.) 8 मार्च 2014 |
: राष्ट्रीय संगोष्ठी केन्द्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा - हिंदी और लोक भाषाएँ - पं. रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय से 2016 |
: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस साहित्य सम्मान 2018 |
: आनंद साहित्य उत्सव सम्मान 27 जनवरी 2018 |
: स्थानीय अनेकों सम्मान |
दायित्वों का निर्वहन-
: संपादक- त्रैमासिक पत्रिका "नारी का संबल" जुलाई 2001 से निरंतर 19 वें वर्ष में |
: सह संपादक- "बिहनिया" त्रैमासिक शोध पत्रिका, संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, 2002 से निरंतर
: सदस्य- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, गवर्निंग काउंसिल 2012 |
: सदस्य -बोर्ड ऑफ़ मेनेजमेंट जनशिक्षण संस्थान रायपुर, (मानव विकास मंत्रालय से सम्बद्ध)
: सदस्य-कलाकार कल्याण समिति, संस्कृति विभाग, रायपुर (छ.ग.)
: सदस्य -(आजीवन)-छत्तीसगढ़ राष्ट्र भाषा प्रचार समिति, रायपुर(छ.ग.)
: सदस्य - वातावरण निर्माण समिति, जिला साक्षरता समिति रायपुर (छ.ग.)
पूर्व दायित्वों का निर्वहन-
: सदस्य -श्रम सलाहकार परिषद्, श्रम मंत्रालय,छ.ग. शासन |
: उपाध्यक्ष -जिला देवांगन समाज, रायपुर(छ.ग.)
: अध्यक्ष- जिला देवांगन समाज रायपुर (छ.ग.)
: अध्यक्ष -(महिला प्रकोष्ठ) छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति
कार्य अनुभव एवं उपलब्धियां –
: संपादक- "नारी का संबल" 2001 से निरंतर उन्नीसवें वर्ष में|
: सह संपादक- बिहनिया 2002 से निरंतर आज अठारह वर्षों से |
: पूर्व फीचर संपादक एवं सह संपादक- दैनिक समवेत शिखर |
: पूर्व सह संपादन- समाचार लोक |
: संपादन- स्मारिका— स्व. झाड़ूराम देवांगन ( पंडवानी गायक)
: निर्णायक- आदिम जाति,अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा आयोजित लोक कला महोत्सव में 2001 से 2012 तक निरंतर
(जिला विभाजन तक)|
: निर्णायक- जवाहर नवोदय विद्यालय, माना, रायपुर, राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में निर्णायक 2001से निरंतर |
: डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण- "शिल्प कला" पर इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली एवं संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में |
: संयोजक--संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित हस्तशिल्प मडई मेला प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई वर्षों तक |
: छत्तीसगढ़ हाट दिल्ली---पर्यटन विभाग, रायपुर, छ.ग. द्वारा दिल्ली में आयोजित छत्तीसगढ़ हाट 2006 के शुभारम्भ अवसर पर छत्तीसगढ़ की व्यंजन, कला और संस्कृति से माननीया श्रीमती सुषमा स्वराज जी को परिचित कराने के दायित्व का निर्वहन |
: न्यूयार्क, अमेरिका यात्रा - आठवां विश्व हिंदी सम्मलेन 13-15 जुलाई 2007 में महिला प्रतिनिधित्व छत्तीसगढ़ से |
: मॉरीशस की यात्रा- विश्व हिंदी साहित्य सम्मलेन के तहत 12-18 सितम्बर 2010 में सृजन सम्मान द्वारा |
: प्रथम हरेली महोत्सव-- छ.ग. की कला, संस्कृति के संवर्धन संरक्षण हेतु 10 अगस्त 2010 को “नारी का संबल” के बैनर में |
: द्वितीय हरेली महोत्सव--छ.ग. की कला, संस्कृति के संवर्धन संरक्षण हेतु 30 जुलाई 2011 को “नारी का संबल” के बैनर में |
: सदस्य – कलाकार कल्याण परिषद् संस्कृति संचालनालय रायपुर (छ.ग.)
: सदस्य– महिला प्रताड़ना प्रकोष्ठ–जनसंपर्क संचालनालय रायपुर (छ.ग.)
: सदस्य –महिला प्रताड़ना प्रकोष्ठ –जिला जनसंपर्क कार्यालय रायपुर (छ.ग.)
: सदस्य –महिला प्रताड़ना प्रकोष्ठ – पाठ्य पुस्तक निगम रायपुर (छ.ग.)
: दूरदर्शन, आकाशवाणी, जी 24 घंटे, जी टीवी, ई.टीवी., दबंग चैनल मुंबई से कविताओं, वार्ताओं एवं कार्यक्रमों का प्रसारण |
: नक्सली क्षेत्र बस्तर में 35 वर्ष से अधिक समय तक रहकर लोगों के जीवन को देखने समझने और उस पर रचनात्मक सृजन कार्य का सुदीर्घ अनुभव है |
: छात्र जीवन से ही पिता के आशु कविताओं एवं माता-पिता दोनों के द्वारा गाए जाने वाले गीतों , लोक कथाओं, भजनों , आदि को सुनकर , भाई बहनों के प्रहसनों, अपने आसपास के आदिवासी परिवेश, आदिवासी संस्कृति के बीच पल बढ़कर उनके साथ गायन कर लिपिबद्ध करने की प्रेरणा. सर्वप्रथम आकाशवाणी जगदलपुर से हल्बी कविताओं का प्रसारण | सरिता, मुक्ता, नवभारत, दैनिक भास्कर, समवेत शिखर, अमृत सन्देश, देशबंधु, हरी भूमि, अग्रदूत, समाचार लोक, सुराज, स्वदेश, दैनिक प्रताप केसरी, दैनिक जन सन्देश, दैनिक राजस्थान किरण, दैनिक जगत क्रांति, नई दुनिया, हरि भूमि, छत्तीसगढ़ी सेवक (साप्ताहिक), समाज कल्याण (दिल्ली) आदि पत्र पत्रिकाओं में लेखों का प्रकाशन |
: आज तक सैकड़ों संगोष्ठियों में वक्ता और श्रोता के रूप में सहभागिता |
: अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में निरंतर काव्य पाठ |
: मंच संचालक –ग्रामीण स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक |
: हिंदी, छत्तीसगढ़ी एवं हल्बी की एकमात्र आंचलिक कवयित्री एवं हल्बी-भतरी की लोक गीत गायिका |
: रायपुर साहित्य महोत्सव 12-14 दिसंबर 2014 में सहभागिता ''बस्तर की बोलियाँ और साहित्य" विषय पर |
: केंद्रीय हिंदी निदेशालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (उच्चतर शिक्षा विभाग) द्वारा औरंगाबाद महाराष्ट्र में आयोजित 10-17 जुलाई 2015 तक हिंदीतर भाषी नवलेखक शिविर में विशेष प्रशिक्षक ।
: साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा जगदलपुर छत्तीसगढ़ में 30-31 अक्टूबर 2015 को आयोजित हल्बी भाषा संगोष्ठी में कवयित्री के रूप में सहभागिता |
: त्रैमासिक पत्रिका “नारी का संबल” के बैनर में अनेकों कार्यक्रमों के सफल संचालन का अनुभव |
: साहित्य अकादमी दिल्ली की जूरी मेंबर 28 नवंबर 2016 |
: साहित्य अकादमी दिल्ली की जूरी मेंबर 28 नवंबर 2016 |
(श्रीमती शकुंतला तरार)
एकता नगर सेक्टर -2 ,प्लॉट न.-32,
गुढ़ियारी, रायपुर (छ.ग.)
मोबाईल: 09425525681, 7999982106
Email-shakuntalatarar7@gmail.com

1 टिप्पणी:

SHAKUNTALA ने कहा…

आदरणीय, आपने मेरी हल्बी रचना को स्थान दिया धन्यवाद। आज जहां हमारे लोक को और संस्कृति के साथ ही हमारे गीतों को भी चैनल लील रहे हैं ऐसे समय में आपके द्वारा बस्तर अंचल की लोक भाषा हल्बी का प्रकाशन निसंदेह प्रशंसनीय है।