कुल पेज दृश्य

शनिवार, 19 जून 2021

गीत, मल्लिका छंद

गीत

*
मल्लिका छंद
रजगल
ग ल ग ल ग ल ग ल
२१ २१ २१ २१
*
मल्लिका रहे न मौन
.
लोकतंत्र की पुकार
लोग ही करें सुधार
दोष और का न मान
लें सुधार रीति जान
गंदगी बटोर साफ
कीजिए; न धार मौन
.
शक्ति लोक की अपार
तंत्र से न मान हार
पौध रोप दें हजार
भूमि हो हरी निहार
राजनीति स्वार्थ त्याग
अग्रणी बनें; न मौन
.
ऊगता न आप भोर
सूर्य ले उषा अँजोर
आसमान दे बुहार
अंधकार मान हार
भागता; प्रकाशवान
सूर्य लोग हों; न मौन
*
संवस, ७९९९५५९६१८
१९-६-२०१९

कोई टिप्पणी नहीं: