कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 1 सितंबर 2020

निमाड़ी गीत

निमाड़ी सलिला
गीत
संजीव
*
म्हारा गीत तमारा छे
रेवा नी जल-धारा छे

पूरब-पच्छम किलकारी
अमरकंटकी माँ न्यारी
ओंकारेसर नी महिमा
तीर्थ महेसर नी गरिमा
दरसण भाग सवारा छे

नद्दी-नाला घाटी छे
काली-चिकणी माटी छे
मिहनत नी परिपाटी छे
चटनी रोटा भाजी छे
किरसाणी पौ बारा छे

हरी चूणरी धरती करs
सोभा गजब बंदणी कर
हाथन मs मिंहदी प्यारी
कानन मs झुमकी न्यारी
माथे टीका तारा छे

अँगणा सोना की बरखा
खेत कपास सफेद जड़ा
टांट्या भील, असोक-किसोर
माखन दादा चरनन धोक
अँगणा घरो दुलारा छे

सात सँगात मती छोड़ो
फिकर फजूल मती ओढ़ो
जै सिंगा जी अवतारी
हिरदा मs सुमिरो वाणी
गणगौरी त्यौहारा छे
*

कोई टिप्पणी नहीं: