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सोमवार, 7 सितंबर 2020

दोहे इसरो

आज की प्रात
इसरो परिवार के लगन, श्रम, साहस, समर्पण और योग्यता को नमन
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शोभित है आलोक से, कुछ मायूस विहान।
कित भरमाया है कहो, अपना प्रिय प्रग्यान।।
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हाथी निकले जहाँ से, वहीं अटकती पूँछ।
सत्य हुई लोकोक्ति पर, तनिक न नीची मूँछ।।
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फिर कोशिश कर सफलता, पाएँगे हम मीत।
गिर-उठ जाला बनाकर, मकड़ी के रण जीत।।
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विक्रम कभी न हारता, लिखता है तकदीर।
हर बाधा को जय करे, तकनीकी तदबीर।।
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भारत जाकर चाँद पर, रचे नया इतिहास।
यह कोशिश जारी रखें, ले अधरों पर हास।।
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सबका यह संकल्प है, तनिक न लेंगे चैन।
ध्वजा तिरंगी चंद्र पर, जो चक लखें न नैन।।
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बाधा-संकट से न डर, बाकी है अरमान।
आस न तज पूरा करें, सब मिलकर अभियान।।
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संजीव
७-९-२०१९
७९९९५५९६१८

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