अभिनव प्रयोग
एक चोका गीत
बरसात
*
वसुधा हेरे
मेघदूत की राह।
कौन पा सके
व्यथा-दर्द की थाह?
*
विरह अग्नि
झुलसाती बदन
नीर बहाते
निश-दिन नयन
तरु भैया ने
पात गिराए हाय!
पवन पिता के
टूटे सभी सपन।
नंद चाँदनी
बैरन देती दाह
वसुधा हेरे
मेघदूत की राह।।
*
टेर विधाता
सुनो न सूखे पानी
आँख न रोए
होए धरती धानी
दादुर बोले
झींगुर नाचे झूम
टिमकी बाजे
गूँजे छप्पर-छानी
मादल पाले
ढोलकिया की चाह
वसुधा हेरे
मेघदूत की राह।।
*
बजा नगाड़ा
बिजली बैरन सास
डाँट लगाती
बुझा न पाये प्यास
देवर रवि
दे वर; ले वर आ
दो पल तो हों
भू-नभ दोनों पास
क्षितिज हँसा
मिली चाह ले चाह
लिए बाँह में बाँह
***
संजीव
५-७-२०१९
एक चोका गीत
बरसात
*
वसुधा हेरे
मेघदूत की राह।
कौन पा सके
व्यथा-दर्द की थाह?
*
विरह अग्नि
झुलसाती बदन
नीर बहाते
निश-दिन नयन
तरु भैया ने
पात गिराए हाय!
पवन पिता के
टूटे सभी सपन।
नंद चाँदनी
बैरन देती दाह
वसुधा हेरे
मेघदूत की राह।।
*
टेर विधाता
सुनो न सूखे पानी
आँख न रोए
होए धरती धानी
दादुर बोले
झींगुर नाचे झूम
टिमकी बाजे
गूँजे छप्पर-छानी
मादल पाले
ढोलकिया की चाह
वसुधा हेरे
मेघदूत की राह।।
*
बजा नगाड़ा
बिजली बैरन सास
डाँट लगाती
बुझा न पाये प्यास
देवर रवि
दे वर; ले वर आ
दो पल तो हों
भू-नभ दोनों पास
क्षितिज हँसा
मिली चाह ले चाह
लिए बाँह में बाँह
***
संजीव
५-७-२०१९
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