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बुधवार, 31 जुलाई 2019

हास्य

हास्य सलिला:
संजीव 
*
लालू जी बाजार गये, उस दिन लाली के साथ 
पल भर भी छोड़ा नहीं, लिये हाथ में हाथ 
दोस्त साथ था हुआ चमत्कृत बोला: 'भैया! खूब
दिन भर भउजी के ख्याल में कैसे रहते डूब?
इतनी रहती फ़िक्र, न छोड़ा पल भर को भी हाथ'
लालू बोले: ''गलत न समझो, झुक जाएगा माथ
ज्यों छोडूँगा हाथ, तुरत ही आ जाएगी आफत
बिना बात क्यों कहो बुलाऊँ खुद ही अपनी शामत?
ज्यों छूटेगा हाथ खरीदी कर लेगी यह खूब
चुका न पाऊँ इतने कर्जे में जाऊँगा डूब''
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३१-७-२०१५
salil.sanjiv@gmail.com

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