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बुधवार, 24 जुलाई 2019

मुक्तक शुभप्रभात

मुक्तक
शुभप्रभात
*
जीत हार है भाग खेल का 
शुभ प्रभात 
है विराग अनुराग ज़िन्दगी 
शुभ प्रभात 
दीन बंधु बन करो बन्दगी 
शुभ प्रभात
देश हरा रख बोलो हिन्दी
शुभ प्रभात

*
मुक्तक
कही सुनी हो माफ़ राम जी
बचा रहे इंसाफ़ राम जी
मिले मौत को मौत न क्यों अब?
हो न ज़िन्दगी भाप राम जी 

*

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