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शनिवार, 27 जुलाई 2019

दोहा दुनिया - शुभ प्रभात

दोहा दुनिया :
शुभ प्रभात
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रह प्रशांत रच छंद तो, शुभ प्रभात हो आप
गौरैया कलरव करे, नाद सके जग व्याप 
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खुली हवा में सांस ले, जी भर फिर दे छोड़ 
शुभ प्रभात कह गगन से, सुत सम नाता जोड़
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पैर जमा जब धरा पर, कर करबद्ध प्रणाम 
माता तेरी गोद में, आता पुत्र अनाम  
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अष्ट दिशाओं को नमन, कर कह 'रहना साथ
जितने दिन भी मैं जिऊँ, कभी न नत हो माथ' 

अँजुरी भरकर सलिल से, चेहरे पर छिड़काव 
कर- प्रभु का सुमिरन करो, मेटो ईश अभाव
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सब छोटों को याद कर, मन से दो आशीष
जहाँ रहें सुख से रहें, हो संजीव मनीष 
*
जड़-चेतन से पुलक कह, शत वंदन आभार 
जीवन भर पा-दे सकूँ, वर दो साथी प्यार 
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संजीव 
२७-७-२०१९ 
७९९९५५९६१८ 


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