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मंगलवार, 23 जुलाई 2019

शंकर छंद

छंद सलिला:
शंकर छंद
संजीव
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छंद-लक्षण: जाति महाभागवत, प्रति पद - मात्रा २६ मात्रा, यति १६ - १०, पदांत गुरु लघु.
लक्षण छंद:
बम बम भोले जय शिव शंकर , गौरीपति उमेश
सोलह गुण-दस इन्द्रियपति जय , सदय हों सर्वेश
गुरु-लघु सबका अंत तुम्हीं में , तुम्हीं सबके नाथ
सुर नर असुर झुकाते प्रभु! तव , पद पद्म में माथ
उदाहरण:
१. जय-जय भारत भूमि सुपावन , मनुज को वरदान
तरसें लेने जन्म देव भी , कवि करें गुणगान
पुरवैया पछुआ मलयज , करें जीवन दान
हिमगिरि सागर रक्षक अद्भुत , हर छंद रस-खान
२. पैर जमीं पर जमा आसमां , पर कर हस्ताक्षर
कोई निरक्षर रहे न शेष , हर जन हो साक्षर
ख्वाब पाल जो अँखिया सोये , करे कर साकार
हर दिल दिल से जुड़े मिटाकर , आपसी तकरार
३.दिल की दुनिया का दौलत से , जोड़ मत संबंध
आस-प्यास का कभी हास से , हो नहीं अनुबंध
जो पाया नाकाफी कहकर , और अधिक न जोड़
तुझसे कम हो जहाँ उसीसे , करें तुलना-होड़
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