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मंगलवार, 30 जुलाई 2019

मुक्तक

मुक्तक  
चाँद तनहा है ईद हो कैसे? 
चाँदनी उसकी मीत हो कैसे??
मेघ छाये घने दहेजों के, 
रेप पर उसकी जीत हो कैसे?? 
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​salil.sanjiv@gmail.com
#divyanarmada 
#दिव्यनर्मदा

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