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मंगलवार, 17 नवंबर 2020

छंद-बहर दोउ एक हैं २

कार्य शाला 
छंद-बहर दोउ एक हैं २ 
*
गीत 
फ़साना 
(छंद- दस मात्रिक दैशिक जातीय, षडाक्षरी गायत्री जातीय सोमराजी छंद)
[बहर- फऊलुन फऊलुन १२२ १२२] 
*
कहेगा-सुनेगा 
सुनेगा-कहेगा 
हमारा तुम्हारा 
फसाना जमाना 
*
तुम्हें देखता हूँ
तुम्हें चाहता हूँ 
तुम्हें माँगता हूँ 
तुम्हें पूजता हूँ 
बनाना न आया 
बहाना बनाना 
कहेगा-सुनेगा 
सुनेगा-कहेगा 
हमारा तुम्हारा 
फसाना जमाना
*
तुम्हीं जिंदगी हो 
तुम्हीं बन्दगी हो 
तुम्हीं वन्दना हो 
तुम्हीं प्रार्थना हो 
नहीं सीख पाया 
बिताया भुलाना
कहेगा-सुनेगा 
सुनेगा-कहेगा 
हमारा तुम्हारा 
फसाना जमाना
*
तुम्हारा रहा है 
तुम्हारा रहेगा 
तुम्हारे बिना ना 
हमारा रहेगा 
कहाँ जान पाया 
तुम्हें मैं लुभाना 
कहेगा-सुनेगा 
सुनेगा-कहेगा 
हमारा तुम्हारा 
फसाना जमाना
***

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