कुल पेज दृश्य

बुधवार, 25 नवंबर 2020

प्रेमा छंद

छंद सलिला
प्रेमा छंद 
संजीव 
*
यह दो पदों, चार चरणों, ४४ वर्णों, ६९ मात्राओं का छंद है. इसका पहला, दूसरा और चौथा चरण उपेन्द्रवज्रा तथा दूसरा चरण इंद्रवज्रा छंद होता है.
१. मिले-जुले तो हमको तुम्हारे हसीं वादे कसमें लुभायें 
देखो नज़ारे चुप हो सितारों हमें बहारें नगमे सुनाये 
*
२. कहो कहानी कविता रुबाई लिखो वही जो दिल से कहा हो
देना हमेशा प्रिय को सलाहें सदा वही जो खुद भी सहा हो 
*
३. खिला कचौड़ी चटनी मिठाई मुझे दिला दे कुछ तो खिलौने
मेला लगा है चल घूम आयें बना न बातें भरमा रे!
**** 
२५-११-२०१३ 

कोई टिप्पणी नहीं: