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सोमवार, 23 नवंबर 2020

नए छंद मुक्तक

हिंदी के नए छंद 
मुक्तक 
*
विधान: र भ न ल 
दीपिका सी प्रखर किरण 
सीपिका से धवल चरण 
हो रहा है पुलक 'सलिल'-
रागिनी का श्रवण-वरण 
*
विधान: न न भ स  
स्वजन सुजन ही सजन नहीं 
दरस-परस ही मिलन नहीं
सुलग-दहकना असगुन है-
खुद मिल खुद से मगन नहीं
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