कुल पेज दृश्य

शनिवार, 21 नवंबर 2020

मुक्तिका

मुक्तिका
.
लोग हों सब साथ
हाथ में हों हाथ
.
छोड़ दें हम फ़िक्र
साध लें आ नाथ
.
रखो पैर सम्हाल
झुक न जाए माथ
.
लक्ष्य पाते पैर
सहायक हो पाथ
.
फूल बनते माल
डोर ले यदि गूँथ
*
२१-११-२०१७ 

कोई टिप्पणी नहीं: