आज का विचार:
thought of the day:
जीवन का विस्तार न्यून है ...
*
प्रातः उठकर पछताओ मत,
सद्व्यवहार करें जो तुमसे,
उनको मन से बिसराओ मत।
और करें व्यवहार बुरा जो-
उनसे बोलो बिना हिचक यह-
याद कभी हमको आओ मत।
*
नहीं अकारण, कुछ भी होता,
जो होता होते रहने दो,मिलता अवसर कोई न खोता।
खुद को विहँस बदल लेने दो,
किसने कहा सरल परिवर्तन?
देखो, उन्नति पथ गहने दो।
*
thought of the day:
जीवन का विस्तार न्यून है ...
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प्रातः उठकर पछताओ मत,
सद्व्यवहार करें जो तुमसे,
उनको मन से बिसराओ मत।
और करें व्यवहार बुरा जो-
उनसे बोलो बिना हिचक यह-
याद कभी हमको आओ मत।
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नहीं अकारण, कुछ भी होता,
जो होता होते रहने दो,मिलता अवसर कोई न खोता।
खुद को विहँस बदल लेने दो,
किसने कहा सरल परिवर्तन?
देखो, उन्नति पथ गहने दो।
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