हिन्दी दिवस पर विशेष :
श्यामल सुमन
भाषा जो सम्पर्क की, हिन्दी उसमे मूल।
भाषा बनी न राष्ट्र की, यह दिल्ली की भूल।।
राज काज के काम हित, हिन्दी है स्वीकार।
लेकिन विद्यालय सभी, हिन्दी के बीमार।।
भाषा तो सब है भली, सीख बढ़ायें ज्ञान।
हिन्दी बहुमत के लिए, नहीं करें अपमान।।
मंत्री की सन्तान सब, अक्सर पढ़े विदेश।
भारत में भाषण करे, हिन्दी में संदेश।।
दिखती अंतरजाल पर, हिन्दी नित्य-प्रभाव।
लेकिन हिन्दुस्तान में, है सम्मान अभाव।।
सिसक रही हिन्दी यहाँ, हम सब जिम्मेवार।
बना राष्ट्र-भाषा इसे, ऐ दिल्ली सरकार।।
दिन पन्द्रह क्यों वर्ष में, हिन्दी आती याद?
हो प्रति पल उपयोग यह, सुमन करे फ़रियाद।।
भाषा बनी न राष्ट्र की, यह दिल्ली की भूल।।
राज काज के काम हित, हिन्दी है स्वीकार।
लेकिन विद्यालय सभी, हिन्दी के बीमार।।
भाषा तो सब है भली, सीख बढ़ायें ज्ञान।
हिन्दी बहुमत के लिए, नहीं करें अपमान।।
मंत्री की सन्तान सब, अक्सर पढ़े विदेश।
भारत में भाषण करे, हिन्दी में संदेश।।
दिखती अंतरजाल पर, हिन्दी नित्य-प्रभाव।
लेकिन हिन्दुस्तान में, है सम्मान अभाव।।
सिसक रही हिन्दी यहाँ, हम सब जिम्मेवार।
बना राष्ट्र-भाषा इसे, ऐ दिल्ली सरकार।।
दिन पन्द्रह क्यों वर्ष में, हिन्दी आती याद?
हो प्रति पल उपयोग यह, सुमन करे फ़रियाद।।
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09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
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- shyamalsuman@yahoo.co.in
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