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रविवार, 30 सितंबर 2012

भजन: मन कर ले साई सुमिरन... संजीव 'सलिल'

भजन:

मन कर ले साई सुमिरन...
संजीव 'सलिल'
*
मन कर ले साई सुमिरन...
*
झूठी है दुनिया की माया.
तम में साथ न देती छाया..
किसको सगा कहे तू अपना-
पल में साथ छोड़ती काया.
श्वास-श्वास कर साई नमन,
मन कर ले साई सुमिरन...
*
एक वही है अमित-अखंडित.
जो सारे जग से है वंदित.
आस पुष्प कर उसे समर्पित-
हो प्रयास हर उसको अर्पित.
प्यास तृप्त हो कर दर्शन,
मन कर ले साई सुमिरन...
*
मिलता ही है कर्मों का फल.
आज नहीं तो पायेगा कल.
जो होता है वह होने दे-
मन थिर रख, हो 'सलिल' न चंचल.
सुख-दुःख सब उसको कर अर्पण,
मन कर ले साई सुमिरन...
*

Acharya Sanjiv verma 'Salil'
सलिल.संजीव@जीमेल.कॉम
http://divyanarmada.blogspot.com
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