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शनिवार, 8 सितंबर 2012

बाल कविता: आओ हम सब पढ़ना सीखें -- कुसुम वीर

बाल कविता 


आओ हम सब पढ़ना सीखें

कुसुम वीर

 

अक्षर की ताकत को जानो
पढ़ो - लिखो, ख़ुद को पहचानो
अक्षर से तुम शब्द बनाओ
उन्नति पथ पर बढ़ते जाओ


शब्दों में संसार सजा है
इसमें भाव भण्डार भरा है
साकार करें सपनों की दुनिया
खिल जाती हैं मन की कलियाँ


ये हैं हमको सीख सिखाते
भले - बुरे का भेद बताते
भीतर का तम हर लेते ये
ज्ञान - प्रकाश जगा देते ये


हमसे बातें करते अक्षर
जीवन से पूरित हैं अक्षर
कहानी कहते, किस्से गढ़ते
ज्ञान - विज्ञान की बात बताते


जल, जंगल, ज़मीन की रक्षा
साफ़ - सफाई, स्वास्थ्य सुरक्षा
इसको जानो, उसको जानो
सारी दुनिया को पहचानो


आओ हम सब पढ़ना सीखें
लिखना सीखें, गढ़ना सीखें
ज़िंदगी में बढ़ना सीखें
जीवन सुखी बनाना सीखें


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