कुल पेज दृश्य

बुधवार, 21 अप्रैल 2021

चौपदे

चौपदे 

दर्पण में जिसको देखा वह बिम्ब मात्र था
और उजाले में केवल साया पाया.
जब-जब बाहर देखा तो पाया मैं हूँ.
जब-कब भीतर झाँका तो उसको पाया..
*

कोई टिप्पणी नहीं: