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जो हमसे दूर रहते हैं वही तो पास होते हैं।
नहीं जो चाहते कुछ भी, वही तो खास होते हैं।।
करें दावा निकटता का, जो केवल काम पड़ने पर-
'सलिल' सच ऐसे नाते ही सदा संत्रास होते हैं।।
२९-४-२०१०
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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