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शनिवार, 24 अप्रैल 2021

मुक्तिका

मुक्तिका 
हँस इबादत करो . 
मत अदावत करो 
मौन बैठो न तुम 
कुछ शरारत करो 
सो लिये हो बहुत 
जग बगावत करो 
अब न फेरो नजर 
मिल इनायत करो 
आज शिकवे सुनो 
कल शिकायत करो 
छोड चलभाष दो 
खत किताबत करो 
बेहतरी का कदम 
हर रवायत करो
*
२४-४-२०१४ 

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